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मप्रः विद्यार्थियों को जाति व मूल निवासी प्रमाण-पत्र विद्यालय में ही प्राप्त हों : शिवराज

– मुख्यमंत्री ने की सिंगल सिटीजन डेटाबेस की समीक्षा, कहा-जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करने ग्राम स्तर पर चलेगा अभियान

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने प्रदेश में ऐसी व्यवस्था स्थापित (Establishment such system state) करने को कहा है, जिसमें मूल निवासी और जाति प्रमाण-पत्र (Native and caste certificate) एवं भूमि संबंधी अभिलेखों (land records) के लिए लोगों को शासकीय कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े। उन्होंने पात्र विद्यार्थियों को जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र विद्यालय में ही दिये जाने को भी सुनिश्चित करने को कहा है।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को सिंगल सिटीजन डेटाबेस पर निवास कार्यालय में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अमित राठौर, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड नंद कुमारम तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोगों के आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करने के लिए ग्राम स्तर पर अभियान चलाया जाए। जिन प्रदेशवासियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ है और जो शेष रहे हैं, उनकी जानकारी एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जाए। साथ ही अद्यतन तकनीक का उपयोग करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं, कमियों और हितग्राहियों की परेशानियों को चिन्हित करने की व्यवस्था भी विकसित करें।

बताया गया कि विभिन्न विभागों के डेटाबेस को समग्र में शामिल कर एकल नागरिक डेटाबेस का निर्माण करना सिंगल सिटीजन डेटाबेस का मूल उद्देश्य है। अभियान से समग्र में पंजीकृत नागरिकों का ई-केवायसी किया जाएगा। इससे एक समग्र सदस्य को प्राप्त विभिन्न योजनाओं के लाभ की जानकारी आसानी से प्राप्त होगी। समग्र को सक्षम कर इससे विभिन्न विभागों की सेवाएँ जैसे लाड़ली लक्ष्मी योजना का पंजीयन, जाति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन आदि दी जा सकेगी। विभिन्न विभागों के डेटाबेस को समग्र में शामिल करने के उद्देश्य से समग्र में आधार संदर्भ संख्या, जाति एवं मूल निवासी प्रमाण-पत्र, भूमि संबंधी जानकारी का विवरण और कक्षा 10वीं एवं 12वीं की अंकसूची को जोड़ा जा रहा है। अब तक लगभग 48 लाख जाति प्रमाण-पत्र की समग्र के साथ मेपिंग पूर्ण हो गई है।

बैठक में विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं में समग्र का उपयोग सुनिश्चित करने, विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए एकल फार्म बनाए जाने, एक स्तर के सक्षम अधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों की सेवाओं को प्रदान करने का अधिकार देने और विवाह प्रमाण-पत्र बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया को समग्र पोर्टल पर विकसित करने पर विचार-विमर्श हुआ। (एजेंसी, हि.स.)

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