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कर्ज में डूबी इस कंपनी को खरीदने की रेस में आमने-सामने होंगे मुकेश अंबानी और अडानी

नई दिल्ली (New Delhi)। फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के बाद अब एक और कर्ज में डूबी कंपनी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए देश के दो दिग्गज अरबपति आमने-सामने होंगे. हम बात कर रहे हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Chairman Gautam Adani) की. दरअसल, Bhadreshwar Vidyut कंपनी को खरीदने की रेस में सिर्फ अडानी और अंबानी ही नहीं, बल्कि 12 अन्य पावर कंपनियां भी शामिल हैं, जिन्होंने इसकी खरीदारी में दिलचस्पी दिखाई है.

भारी कर्ज में डूबी है पावर कंपनी
Bhadreshwar Vidyut पावर कंपनी भारी-भरकम कर्ज के तले दबी हुई है. कंपनी के कर्ज को दिसंबर 2020 में नॉन परफॉर्मिंग के हिसाब से बांट दिया गया था. इसके बाद 1,775 करोड़ के कुल कर्ज के लिए 850 करोड़ रुपये के कर्ज पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे ऋणदाताओं ने ठुकरा दिया था. इससे पहले किशोर बियानी के नेतृत्व वाली फ्यूचर रिटेल के लिए मुकेश अंबानी और गौतम अडानी दोनों ने दिलचस्पी दिखाई थी. बता दें मुकेश अंबानी जहां अपने कारोबार को लगातार विस्तार दे रहे हैं, तो वहीं अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के भंवर में फंसकर भारी नुकसान उठाने वाले गौतम अडानी भी अब वापसी करते हुए नजर आ रहे हैं.


टोरेंट-वेदांता और जिंदल भी रेस में
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, भद्रेश्वर विद्युत (Bhadreshwar Vidyut) तीसरी पावर कंपनी है, जिसे खरीदने की रेस में अडानी ग्रुप और रिलायंस ग्रुप आमने-सामने आए हैं. इससे पहले- दोनों बड़े ग्रुप्स SKS Power और Lanco Amarkantak Power Ltd की खरीदारी के लिए मैदान में उतरे थे. भद्रेश्वर को खरीदने के लिए जिन दूसरी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है, उनमें रिलायंस और अडानी ग्रुप के अलावा टोरेंट ग्रुप, वेदांता और जिंदल पावर भी शामिल हैं.

पहले इस नाम से जानी जाती थी भद्रेश्वर विद्युत
जिस Bhadreshwar Vidyut पालर कंपनी को खरीदने के लिए 14 बड़े प्लेयर मैदान में उतरे हैं, उसे पहले OPGS पावर गुजरात के नाम से जानी जाती थी. दिवालिया हो चुकी कंपनी के पास गुजरात के कच्छ में 150 मेगावाट का कोल बेस्ड पावर प्लांट है. इसकी दोनों यूनिट्स क्रमश: 2015 और 2016 ने तैयार हुई थीं. एक रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्स पर 2,026 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. भारी भरकम कर्ज के चलते इस कंपनी की हालत लगातार खराब होती गई और अब ये बिकने के लिए तैयार है.

इन कंपनियों नेभी जमा की बिड्स
भद्रेश्वर विद्युत के लिए दिलचस्पी दिखाने वाली दूसरी कंपनियों में शेरिशा टेक्नोलॉजीज समेत जो अन्य कंपनियां शामिल है. उनमें से कई ने शुरुआती बिड्स जमा कर दी है. रिपोर्ट में सोर्सेज के हवाले से कहा गया है कि जेपी इस्कॉन, कांडला एग्रो एंड केमिकल्स और कच्छ केमिकल्स इंडस्ट्रीज ने शुरुआती बिड्स सब्मिट की हैं.

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