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नरेंद्र गिरि ने मौत से पहले 18 लोगों से की थी बात, कॉल लॉग में आखिरी दिन डायल नंबर में 35 लोगों के नाम

प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को अपनी मौत से पहले 18 लोगों से बात की थी। इनमें से दो हरिद्वार के बड़े प्रापर्टी डीलर हैं। उनके डायल नंबर में 35 लोगों के नाम हैं लेकिन बात सिर्फ 18 से ही हुई थी। अब जांच के दायरे में वे सभी लोग हैं, जिनसे आखिरी दिन नरेंद्र गिरी ने बात की थी। खासकर दोनों प्रापर्टी डीलर।

पुलिस उन सभी से संपर्क कर बयान दर्ज करेगी कि अंतिम दिन उन्होंने किससे क्या बात की थी? नरेंद्र गिरि के मोबाइल की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस 18 लोगों को पूछताछ के लिए चिन्हित किया है। अंतिम दिन में उन्होंने 35 लोगों को फोन मिलाया था लेकिन बात सिर्फ 18 लोगों से हो पाई थी।

पुलिस ने नंबरों की स्क्रूटनी की तो पता चला कि दो नंबर हरिद्वार के दो बड़े प्रापर्टी डीलरों के हैं। उनके अलावा 16 और लोगों से बात हुई है। इन सभी लोगों के बयान पुलिस दर्ज करेगी कि आखिरी दिन नरेंद्र गिरि ने उनसे क्या कहा था। इसके अलावा उनका सीडीआर (कॉल डीटेल्स रिकार्ड) भी निकाला गया है। उसकी भी जांच की जा रही है। ऐसे नंबरों को खोजा जा रहा है जिनसे अंतिम दिनों में अधिक बात हुई थी।

महंत ने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह 13 सितंबर को ही आत्महत्या करने वाले थे लेकिन उस दिन उनकी हिम्मत नहीं पड़ी। साफ है कि वीडियो वाली बात महंत को 13 सितंबर से पहले पहले ही पता चल गई थी, इसी कारण वह परेशान थे। इसी कारण पूरे सितंबर महीने की कॉल डीटेल्स की स्क्रूटनी की जा रही है। पुलिस ने पूछताछ के लिए संदिग्ध लोगों की सूची भी बनाई है।


महंत की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों के खिलाफ विभागीय जांच 
महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात में सिपाहियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सिपाहियों पर लापरवाही के साथ ही संपत्ति बनाने का भी आरोप है। नरेंद्र गिरि का शव जब मठ में मिला तो सुरक्षा में तैनात कोई भी सिपाही वहां नहीं था। सभी सिपाहियों से घटना वाले दिन की लोकेशन मांगी गई है।

 महंत की सुरक्षा में सिपाही अजय सिंह कई सालों से तैनात है। इसके अलावा पांच सिपाही और तैनात थे। आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि अजय ने नरेंद्र गिरि से करीबी का फायदा उठाकर करोड़ों की संपत्ति बना ली है। बाद में आनंद ने दो और सिपाहियों को भी नाम लिया था। महंत की खुदकुशी की खबर सुनकर पुलिस पहुंची तो वहां पर उनकी सुरक्षा में तैनात कोई भी सिपाही नहीं मिला।

इसे घोर लापरवाही माना गया। पुलिस ने सुरक्षा में लगे अजय सिंह समेत सभी सिपाहियों से पूछताछ की है। उस दिन की उनकी लोकेशन भी मांगी गई है। सिपाहियों पर बेहिसाब संपत्ति बनाने का भी आरोप है। सभी सिपाहियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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