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NDA मीटिंग से पहले चिराग पासवान ने बताया वापसी का कारण, जानिए क्‍या कहा ?

पटना (Patna) । लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के मद्देजनर एनडीए (NDA) की बैठक (meeting) से पहले लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान (chirag paswan) ने बड़ा बयान दिया है। चिराग ने एक दिन पहले ही एनडीए में जाने की घोषणा की। मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने बताया कि एनडीए से नाता तोड़ने के बाद भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का विरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने 2020 में एनडीए छोड़ने और अब वापस गठबंधन में वापसी करने का कारण भी बताया।

चिराग पासवान ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि 2017 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर वापस एनडीए में आ गए थे, तभी से लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने गठबंधन से अलग होने के मन बना लिया था। उनकी पार्टी नीतीश कुमार की नीतियों के हमेशा विरोध में रही है। उस समय पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने रामविलास से कहा था कि यह बीजेपी का गठबंधन है, जेडीयू का नहीं।


चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार एनडीए में रहते हुए उनकी पार्टी को हराना चाहते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लोजपा के उम्मीदवारों को हराने की कोशिश की थी। नीतीश की इसी नीति की वजह से रामविलास पासवान ने एनडीए से अलग होने का मन बना लिया था। उनके निधन के बाद 2020 का विधानसभा चुनाव आया, तो नीतीश एनडीए में थे इसलिए चिराग ने गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया। क्योंकि नीतीश कुमार के साथ एनडीए में रहना संभव नहीं था।

मोदी का विरोध क्यों नहीं?
लोजपा रामविलास प्रमुख ने आगे कहा कि 2020 से लेकर अब तक कई बार उन्हें भड़काया गया। उनसे कहा गया कि बीजेपी सरकार ने दिवंगत रामविलास पासवान का बंगला खाली करवा दिया। परिवार को तुड़वा दिया। फिर भी बीजेपी का साथ क्यों नहीं छोड़ा। चिराग ने कहा कि लोजपा और एनडीए की नीति एक जैसी है। बीजेपी से उनका कभी भी विवाद नहीं रहा। उन्हें सिर्फ नीतीश कुमार से दिक्कत थी। बीजेपी से कोई समस्या नहीं थी, लेकिन नीतीश कुमार स्वीकार्य नहीं थे। इसलिए एनडीए को छोड़ा। बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी से उनका प्रेम एनडीए छोड़ने के बाद भी जारी रहा। यही वजह थी कि पिछले कुछ उपचुनावों में चिराग ने बीजेपी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी किया था।

चिराग पासवान ने कहा कि अब नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए हैं। इसलिए वह बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश के खिलाफ लड़ेंगे। उनकी पार्टी लोजपा रामविलास की कुछ चिंताएं थीं। इन्हें शर्तें कहा जा रहा था। ये शर्तें नहीं बल्कि चिंताएं थीं। इस वजह से गठबंधन में थोड़ी देर हो रही थी। इस बारे में उनकी बीजेपी से बातचीत हुई है।

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