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ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर सरकार में आवश्यक चर्चा जारी: गोयल

-कैट ने ई-कॉमर्स के लिए रेग्युलेटरी अथॉरिटी के गठन पर दिया जोर

नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) को ई-कॉमर्स पर जारी श्वेत पत्र की एक प्रति सौंपी। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) के नेतृत्व में कैट के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पीयूष गोयल को श्वेत पत्र की प्रति देते हुए ई-कॉमर्स पॉलिसी को जल्द लागू करने का आग्रह किया।

कैट प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य मंत्री से ई-कॉमर्स के लिए एक रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाने पर भी जोर दिया। दरअसल कारोबारी संगठन कैट का मानना है कि वर्तमान में भारत के ई-कॉमर्स व्यापार को वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनियों ने अपनी मनमानी, नियम और क़ानून की अवहेलना कर उसको ज्यादा दूषित कर दिया है। ऐसे में देश के ई-कॉमर्स व्यापार के संचालन और मॉनिटर करने के लिए एक रेग्युलेटरी अथॉरिटी का होना बहुत जरूरी है।


वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कैट प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता ई-कॉमर्स व्यापार है। इस मुद्दे से जुड़े कई मंत्रालय ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही सरकार के स्तर पर मसौदे को लेकर चर्चा पूरी हो जाएगी। इसे सार्वजनिक किया जाएगा। गोयल ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय रिटेल व्यापार नीति पर भी मंत्रालय ने बहुत काम किया है, जिस पर गंभीर चर्चा जारी है।

गोयल ने इस मौके पर मौजूद डीपीआईआईटी और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को कैट के श्वेत पत्र और उसकी सिफारिशों का सूक्ष्मता से अध्ययन करने का निर्देश दिया। वाणिज्य मंत्री ने अधिकारियों को ई-कॉमर्स व्यापार के लिए एक रेग्युलेटरी अथॉरिटी के गठन की संभावनाओं का पता लगाने की भी सलाह दी, ताकि कानूनों और नियमों का अक्षरशः पालन किया जा सके।

उन्होंने कैट के इस सुझाव से भी सहमति जताई कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर सामान बेचने के लिए जीएसटी का अनिवार्य पंजीकरण छोटे व्यवसायों के लिए ठीक नहीं है। गोयल ने कहा कि वह निश्चित रूप से इस मामले पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ चर्चा करेंगे। इसके साथ ही कैट के सुझाव को स्वीकार करते हुए गोयल ने कहा की देश के रिटेल व्यापार पर लगे सभी कानूनों की वाणिज्य मंत्रालय समीक्षा करेगा। इसके बाद जो क़ानून बेकार हैं, उन्हें निरस्त कराने का प्रयास किया जाएगा।

वाणिज्य मंत्री ने व्यापार करने के लिए कई लाइसेंसों की जगह पर एक लाइसेंस लागू करने के कैट के सुझाव पर अधिकारियों को ऐसे कानूनों और लाइसेंसों की एक सूची तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने कैट से ऐसे कानूनों और लाइसेंसों की सूची और अपनी सिफारिशें भी मंत्रालय को भेजने की सलाह दी। कैट की पहल पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही फुटवियर पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मानकों को लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाने पर बातचीत करेंगे। गोयल ने बैंकों से कम दरों पर ऋण प्राप्त करने सहित कई अन्य सरकारी योजनाओं के विभिन्न लाभ लेने के लिए उद्यम आधार के तहत व्यापारियों के अधिकतम पंजीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।

गोयल के सुझाव को स्वीकार करते हुए कारोबारी संगठन कैट ने निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत कैट देशभर के व्यापारियों को खुद के उद्यम आधार से पंजीकृत करने के लिए प्रेरित करने हेतु 10 अप्रैल से विभिन्न राज्यों के 75 शहरों में एक मेगा राष्ट्रीय अभियान भी शुरू करेगा। कैट इस अभियान की 10 जुलाई से दिल्ली में शुरुआत करेगा। इस अभियान के तहत 75 लाख छोटे व्यवसायों को पंजीकृत कराने का लक्ष्य भी रखा है। (एजेंसी, हि.स.)

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