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ओडिशा : विधानसभा में स्पीकर की ओर फेंके गए चप्पल, कागज और माइक्रोफोन, तीन BJP विधायक निलंबित

भुवनेश्वर । ओडिशा विधानसभा (Odisha Legislative Assembly) के भीतर शनिवार को ‘अजब-गजब’ दृश्य देखने को मिले। बिना चर्चा किए एक विधेयक पास कराने के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि विधायकों ने सदन में मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं। बताया गया कि मामले को लेकर नाराजगी जताते हुए विपक्षी दल बीजेपी (BJP) के कुछ सदस्यों ने स्पीकर (Speaker) के आसन की ओर चप्पल, माइक्रोफोन और कागज के टुकड़े फेंके। घटना के बाद स्पीकर ने तीन विधायकों को निलंबित कर दिया और उन्हें तत्काल सदन से बाहर जाने के आदेश दे दिए।

जानकारी के मुताबिक सदन में ओडिशा लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक को बिना चर्चा के मिनटों में पारित किए जाने से नाराज बीजेपी सदस्यों ने अध्यक्ष एसएन पात्रो के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। कांग्रेस सदस्यों ने भी खनन गतिविधियों में कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार पर चर्चा का नोटिस दिया था, जिसे अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। इससे कांग्रेस (Congress) के सदस्य खफा थे। भोजन अवकाश के पहले के सत्र में विधेयक पारित होने के तुरंत बाद बीजेपी (BJP) के नेता खड़े हो गए और शोर-शराबा करने लगे।


बीजेपी सदस्यों ने फेंके चप्पल-कागज
इसके बाद बीजेपी (BJP) सदस्यों की ओर से अध्यक्ष पर चप्पलें, माइक्रोफोन और कागज के गोले फेंके गए जो विपक्षी दलों के सदस्यों की बेंच और अध्यक्ष के आसन के पास गिरे। इस घटना के बाद सदन में अराजकता का माहौल पैदा हो गया और विधानसभा को भोजन अवकाश तक के लिए स्थगित करना पड़ा। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद अध्यक्ष पात्रो ने सदन में बीजेपी के उपनेता बीसी सेठी, मुख्य सचेतक मोहन माझी और विधायक जेएन मिश्रा को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया और तत्काल सदन से बाहर निकालने के आदेश दिए।

नाराज विधायकों ने दिया धरना
ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 22 विधायक हैं। घटना का वीडियो पात्रो, संसदीय कार्यमंत्री बीके अरुखा, सरकार की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक, नेता प्रतिपक्ष पीके नाइक और कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने देखा जिसके बाद बीजेपी के विधायकों को निलंबित किया गया। निलंबित किए गए विधायकों ने इस निर्णय के विरोध में विधानसभा परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

स्पीकर पर पक्षपात का आरोप
बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष पीके नाइक ने कहा, ‘हमारे सदस्यों को बिना उनका पक्ष सुने निलंबित कर दिया गया। हमारा धरना कल (रविवार) तक जारी रहेगा। निलंबित विधायक मिश्रा और माझी ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष के आसन की ओर चप्पल फेंकने का कोई मलाल नहीं है। माझी ने कहा, ‘हमें बोलने का अवसर नहीं दिया गया। हमने कोई गलत काम नहीं किया। विधायकों द्वारा फेंकी गई वस्तुएं अध्यक्ष के आसन के पास भी नहीं गिरी।’ मिश्रा ने अध्यक्ष पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और बीजेडी सदस्य की तरह काम करने का आरोप लगाया।

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