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अभी ऑपरेशन चल रहा, बाद में बात करूंगा वो ‘बाद’ कभी नहीं आया, शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह ने परिवार से हुई आख्रिरी बात

नई दिल्‍ली (New Dehli) । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के अनंतनाग में मंगलवार शाम को आतंकवादियों (terrorists) के साथ मुठभेड़ में शहीद (Martyr) हुए जवानों में से एक मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह भी थे। कर्नल सिंह उस बटालियन (battalion) का नेतृत्व कर रहे थे जिसने बुधवार सुबह ऑपरेशन (operation) फिर से शुरू किया। गोलीबारी में पहले वो घायल हुए और फिर शहीद। मनप्रीत सिंह के अलावा मेजर आशीष धोनैक और उपाधीक्षक हुमायूँ भट भी देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर गए। कर्नल मनप्रीत सिंह के बहनोई ने बताया कि आखिरी बार अपने परिवार से उनकी बुधवार सुबह बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अभी ऑपरेशन चल रहा है, बाद में बात करूंगा। लेकिन वो ‘बाद’ कभी नहीं आया। परिवारवालों को बाद में उनके शहीद होने की सूचना मिली। उनका कहना है कि मनप्रीत की पत्नी को उनके शहीद होने की खबर नहीं दी गई, सिर्फ यह बताया कि वह ऑपरेशन में घायल हो गए हैं।


जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में अपनी शहादत देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह (41) का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव मोहाली के मुल्लांपुर के साथ लगते गांव भड़ौंजिया पहुंचेगा। उनकी शहादत की खबर जैसे ही गांव तक पहुंची मातम छा गया। गांव वालों की आंखें नम थीं। हर कोई उनकी बहादुरी के चर्चे कर रहा है। अंतिम संस्कार पैतृक गांव में ही किया जाएगा।

एनकाउंटर के बीच फोन पर हुई थी बात
मनप्रीत सिंह 12वीं सिख एलआई से थे। मनप्रीत सिंह के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने बुधवार सुबह 6.45 बजे मनप्रीत से बात की। गिल ने कहा, ”उन्होंने कहा कि वह बाद में बात करेंगे अभी ऑपरेशन चल रहा है।” मनप्रीत के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे हैं – एक छह साल की बेटी और एक दो साल का बेटा। मनप्रीत के ससुर जगदेव सिंह ने बताया कि वह अगले महीने बेटे के जन्मदिन पर घर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले उनके शहादत की खबर ने सभी को बैचेन कर दिया है।

आतंकियों को मार गिराने में मिल चुका वीरता मेडल
मनप्रीत दूसरी पीढ़ी के ग्रेवाल सेना अधिकारी थे और पहले ही 17 साल की सेवा पूरी कर चुके थे। उनके पिता भी सेना में थे। 2021 में, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को मार गिराने के बाद कर्नल मनप्रीत सिंह को वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था। अपनी सेवा में, कर्नल सिंह ने लगभग पांच साल उसी राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ बिताए, पहले तीन साल सेकेंड-इन-कमांड के रूप में और फिर कमांडिंग ऑफिसर के रूप में। वह चार महीने में राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे। उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं।

पत्नी को नहीं बताई सच्चाई
कर्नल मनप्रीत सिंह के ससुर जगदेव सिंह का कहना है कि आखिरी बार जब उनसे बात हुई तो वह व्यस्त थे क्योंकि ऑपरेशन पहले से ही चल रहा था। दोपहर में परिवार को पता चला कि वह ऑपरेशन में घायल हो गये हैं। उनकी शहादत की खबर मिलने के बाद भी परिवार ने उनकी पत्नी को यही बताया कि वह ऑपरेशन में घायल हो चुके हैं।

आज दोपहर पहुंचेगा पार्थिव शरीर
कर्नल मनप्रीत सिंह के ससुर जगदेव सिंह ने बताया कि हमें कल शाम को उनकी शहादत के बारे में पता चला। उनका पार्थिव शरीर शाम 4-5 बजे के बीच मोहाली पहुंचेगा। इसके बाद पैृतक गांव भड़ौंजिया में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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