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विपक्षी गठबंधन के दो बड़े दल राजद-कांग्रेस में फंसा पेंच

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा तो हो चुकी है। लेकिन, कौन सा दल किनके साथ और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा यह नहीं तय हो पा रहा है। हालांकि विपक्षी गठबंधन दलों के अंदर प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल जारी है। इस बीच विपक्षी गठबंधन के दो प्रमुख घटक दल राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और कांग्रेस के बीच सीटें को लेकर खींचतान जारी है। दोनों के बीच पेंच फंसते नजर आ रहा है।

इस बीच, कांग्रेस स्‍क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय 243 सीटों पर प्रत्‍याशियों के नाम लेकर दिल्‍ली लौट गये। अविनाश पांडेय ने कहा कि जिलाध्यक्षों के फीडबैक की रिपोर्ट आलाकमान को दी जाएगी। अंतिम फैसला सोनिया गांधी को ही करेंगी। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं को तवज्जो देगी। कांग्रेस सभी सीटों पर अपनी तैयारी में लग गई है। सूत्र की मानें तो राजद ने कांग्रेस को 65 विधानसभा सीटों का प्रस्‍ताव दिया है। साथ ही वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट (उपचुनाव) देने के लिए भी तैयार है। राजद खुद करीब 155 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। राजद अपने कोटे से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को सीटें देगा तो कांग्रेस को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को अपने कोटे में से सीटें देनी होगी। इसके अलावा भाकपा माले को 14, सीपीआई को तीन और सीपीएम को दो सीट देने का भी प्रस्‍ताव दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस इस फॉर्मूले इस पर राजी नहीं है। कांग्रेस कम से कम 70 विधानसभा सीटें चाहती है।

अगर कांग्रेस को 60 सीटें मंजूर नहीं तो अपना रास्ता तलाशेः राजद

राजद ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि कांग्रेस को 60 से अधिक सीटें नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही वाल्मीकिनगर लोकसभा की सीट उन्हें दी जाएगी। अगर उन्हें मंजूर नहीं है तो अपना रास्ता तलाशे। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने यह भी कहा कि राजद और कांग्रेस का स्वाभाविक गठबंधन है और पुरानी सहयोगी है। लेकिन, कांग्रेस को समझना चाहिए कि राजद अपने दम पर एनडीए को हराने में सक्षम है। ऐसे में राजद की तरफ से जो प्रस्ताव है उसे स्वीकार करे और बिहार में एनडीए को हराने में मजबूती से जुट जाये। वैसे भी बिहार में राजद के पास सबसे अधिक वोट है।

उल्लेखनीय है कि राजद इससे पहले भी कांग्रेस को इसी लहजे में धमकी दे चुकी है। 2009 के आम चुनाव में लालू ने कांग्रेस को लेकर कहा था कि लड़ना है तो 5 सीट पर लड़ो नहीं तो अपना रास्ता देखो। इसके बाद जब कांग्रेस अलग होकर लड़ने लगी तो लालू ने व्यंग्य करते हुए कहा था कि अब भरपेट लड़ो। (एजेंसी, हि.स.)

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