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राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन को पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताई अपनी पीड़ा

  • बोले- हमारी ‘चवन्नी’ भी नहीं चलती
  • जयपुर और अजमेर संभाग का लिया है फीडबैक
  • ‘महसूस नहीं हो रहा कि हमारी पार्टी का राज है’

जयपुर। राजस्‍थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने जयपुर संभाग के नेताओं से फीडबैक लिया तो उसमें अधिकांश नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी के हावी होने और कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होने की शिकायत की। नेताओं ने कहा कि उनकी चवन्नी (रुतबा) भी नहीं चल रही है। हालांकि, अजय माकन ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए इस शिकायत को खारिज कर दिया। माकन ने कहा कि ये समस्या सिर्फ राजस्थान में नहीं है, बल्कि हर राज्य में और हर पार्टी के शासन में ऐसी बातें होती हैं।
बैठक में बिजली बिलों की वीसीआर से जुड़ा मुद्दा भी उठा। इस पर अजय माकन ने कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी, ताकि किसान को ज्यादा से ज्यादा रियायत मिल सके। वहीं, पार्टी के हारे हुए प्रत्याशियों ने माकन के सामने सरकार में निर्दलीय विधायकों और बागियों को ज्यादा तवज्जो मिलने की भी शिकायत की।
माकन ने बुधवार को अजमेर संभाग के नेताओं से फीडबैक लिया था। उसके बाद गुरुवार को वे जयपुर संभाग के नेताओं से रू-ब-रू हुए। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जयपुर संभाग के नेताओं से फीडबैक का सिलसिला सुबह 11 बजे शुरू हुआ। उसके बाद बैठकों का दौर रात 8 बजे तक चला। इस दौरान माकन ने जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, झुंझनू, अलवर और दौसा के नेताओं से मुलाकात की।
जयपुर शहर की बैठक में विधायक अमीन कागजी ने नगर निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि व्यापारियों के साथ बैठक कर ली जाती है, लेकिन उन्हें बताया तक नहीं जाता। विधायक गंगा देवी ने भी कार्यकर्ताओं के काम न होने का आरोप लगाया। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे सीताराम अग्रवाल ने कहा कि कार्यकर्ताओं का काम सुचारू रूप से होना चाहिए, क्योंकि उनकी बदौलत ही हम हैं।
कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा ने कहा कि डेढ़ साल के कार्यकाल के बाद भी महसूस नहीं हो रहा कि राज हमारी पार्टी का है। ऐसे में राज का इकबाल कायम होना चाहिए। कांग्रेस नेता केके हरितवाल ने आरोप लगाया कि केवल विधायकों और विधानसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों की ही चवन्नी चल रही है। कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने कहा कि कई बोर्ड और निगमों में कार्यकर्ताओं को नियुक्त नहीं किया गया। ऐसे में अधिकारी वहां बैठे हैं। चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि कार्यकर्ताओं के काम प्राथमिकता से होने चाहिए। विधायक डिजायर सिस्टम बंद हो और निचले पदाधिकारियों की डिजायर पर काम हो।

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