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दिवाली के बाद कैडबरी पर फूटा लोगों का गुस्सा, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: दिवाली पर हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को तोहफे के रूप में शुभकामनाएं देते हैं.इसके साथ ही हम उन्हें चॉकलेट और मिठाइयां गिफ्ट करते हैं. Chocolates का नाम सुनते ही हमारे जहन में सबसे पहला नाम Cadbury का आता है. जिसके सेलिब्रेशन बॉक्स का आदान प्रदान दिवाली पर खूब होता है लेकिन कई ऐसा होता है कि कंपनी की कुछ चीजें यूजर्स को पसंद नहीं आती और इनके बहिष्कार की मांग उठाने लगती है और फिर मामला ट्रेंड में आ जाता है, लेकिन इन दिनों भी एक ऐसा ही ट्रेंड लोगों के बीच चर्चा में है. जिसमें लोगों ने #BoycottCadbury की मांग कर रहे हैं वो भी दिवाली के बाद.

हालांकि ये पहली बार नहीं है कि जब कैडबरी ब्रांड को इस तरीके से लोगों के बीच आलोचना सहनी पड़ रही हो, लेकिन इस बार मुद्दा थोड़ा अलग है क्योंकि इस बार ये ब्रांड अपने प्रोडक्ट के कारण नहीं बल्कि एडवरटाइजमेंट के कारण लोगों की आलोचना का शिकार हो रहा है. दरअसल दिवाली पर अपनी सेल बढ़ाने के लिए एक एडवरटाइजमेंट बनाया था. जिसमें एक बूढ़े शख्स को आप दीया बेचते हुए देख सकते हैं और उसका नाम दामोदर था और पीएम मोदी के पिता का नाम भी दामोदर है. इसी वजह से इस विज्ञापन की आलोचना हो यही है और ट्विटर पर #BoycottCadbury ट्रेंड कर रहा है.


कैडबरी के इस एडवरटाइजमेंट को शेयर करते हुए भाजपा नेता डॉ प्राची साध्वी ने ट्वीट कर बताया कि इस तरह के विज्ञापन से पीएम मोदी के पिता के नाम को खराब किया जा रहा है और लोगों के बीच यह संदेश दिया जा रहा है कि चायवाले का बाप दियावाला. भाजपा नेता के इस ट्वीट के बाद ही ये मुद्दा वायरल हो गया. जिस अब सैकड़ों लोग इसे रीट्वीट कर चुके हैं #BoycottCadbury की मांग कर रहे हैं.

इसके अलावा #BoycottCadbury ट्रेंड कराने वाले यूजर्स का यह आरोप भी है कि कैडबरी अपने उत्पादों में हलाल सर्टिफाइड जिलेटिन का इस्तेमाल करता है. इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें जिस जिलेटिन का इस्तेमाल होता है उसे बीफ से निकाला जाता है.

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