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PM मोदी ने कच्चाथीवू मुद्दे पर कांग्रेस के साथ DMK को भी लपेटा, बोले- आंख खोलने वाली जानकारी है

नई दिल्‍ली (New Delhi) । कांग्रेस (Congress) की इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के नेतृत्व वाली सरकार ने 1974 में श्रीलंका (Sri Lanka) से एक समझौता किया था। इसके तहत कच्चाथीवू द्वीप (Katchatheevu Island) पर भारत (India) ने अपना दावा छोड़ दिया था और उसे श्रीलंका का हिस्सा मान लिया था। इस मामले पर रविवार को जब एक रिपोर्ट छपी तो पीएम नरेंद्र मोदी ने उस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस पर हमला बोल दिया। यही नहीं उन्होंने कहा कि यह आंख खोलने वाली जानकारी है। कैसे कांग्रेस ने देश के एक हिस्से कच्चाथीवू को श्रीलंका को दे दिया। इस बात से हर भारतीय के मन में गुस्सा है और यह यकीन और बढ़ गया है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस 75 सालों से देश की अखंडता और एकता से खिलवाड़ करती आ रही है।

यही नहीं सोमवार को एक बार फिर पीएम मोदी ने यह मसला उठाया और कांग्रेस के अलावा तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके को भी घेरा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘विवाद उठाना अलग बात है, लेकिन तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए डीएमके ने कभी कुछ नहीं किया। कच्चाथीवू द्वीप पर सामने आई नई जानकारी ने तमिलनाडु को लेकर डीएमके के दोहरे रवैये को उजागर किया है। कांग्रेस और डीएमके परिवार की यूनिट हैं। ये लोग सिर्फ अपने बेटों और बेटियों की ही परवाह करते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी की परवाह नहीं है। कच्चाथीवू द्वीप को लेकर उनके रवैये ने हमारे गरीब मछुआरे भाई-बहनों का नुकसान किया है।’


करुणानिधि की भी सहमति का दावा, DMK के लिए होगी मुश्किल
दरअसल रिपोर्ट में यह खुलासा भी किया गया है कि इंदिरा गांधी सरकार ने कच्चाथीवू द्वीप को श्रीलंका के हाथों में देने से पहले करुणानिधि की भी सहमति ली थी। यही वजह है कि पीएम मोदी ने कांग्रेस के बाद अब डीएमके पर भी निशाना साधा है। हालांकि डीएमके के ही एक तत्कालीन सांसद इरा सेझियान ने इस पर सवाल उठाया था।

DMK के एक सांसद ने भी उठाया था सवाल, क्यों इतनी ऐक्टिव भाजपा
उन्होंने कहा था, ‘यह समझौता हमारे देश के हितों के खिलाफ जाता है। यह तो पूरी तरह से ऐसा फैसला है, जिसके तहत हम अपने ही एक हिस्से को दूसरे को ट्रांसफर कर रहे हैं। यह फैसला अपवित्र और अपमानजनक है। हम साफ करना चाहते हैं कि विदेश मंत्री के बयान से हमारा कोई संबंध नहीं है, जिसके तहत वह कच्चाथीवू द्वीप को श्रीलंका को सौंपने की बात कर रहे हैं।’ बता दें कि तमिलनाडु में भी भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव से पहले काफी सक्रिय है। ऐसे में इस मुद्दे ने भाजपा को नया मसला दे दिया है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने कांग्रेस के अलावा डीएमके को भी निशाने पर लिया है।

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