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प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav of Independence)से स्वर्णिम भारत (Golden India) की ओर’ कार्यक्रम (Program) का बटन दबाकर उद्घाटन किया (Inaugurated) । पीएम ने इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे और राष्ट्र के सपने अलग नहीं है। हमारी नीति और राष्ट्रीय सफलताएं अलग नहीं हैं। राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘अमृतकाल का यह समय सोते हुए सपने देखने का नहीं, बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड उसे दोबारा हासिल करने का है।’ पीएमओ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि इस कार्यक्रम में सालभर से चल रहे ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत ब्रह्मा कुमारियों द्वारा की गईं पहलों की शुरुआत की जायेगी। इनमें 30 से अधिक अभियान और 15,000 से अधिक कार्यक्रम शामिल हैं।

पीए मोदी ने कहा, ‘आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मज़बूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते हुए देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता के सालों बाद देश में स्त्री और पुरुष का अनुपात भी बढ़िया हुआ है। यह बदलाव इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नया भारत कैसा होगा और कितना सामर्थ्यशाली होगा।’

 

कार्यक्रम के दौरान, ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित एक गीत भी जारी किया गया। ब्रह्मा कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवीनीकरण के लिए समर्पित है। 1937 में भारत में स्थापित ब्रह्मा कुमारी आंदोलन 130 से अधिक देशों में फैल चुका है।

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