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Pune Porsche: पोर्श कांड के आरोपी को निबंध लिखवाने वाले बोर्ड पर लटकी तलवार, जांच के लिए कमेटी गठित

नई दिल्‍ली(New Delhi) । पुणे के पोर्श कांड (Pune’s Porsche scandal)में नाबालिग आरोपी (minor accused)को जमानत देने वाले बोर्ड(Board) पर भी तलवार लटकती(the sword hanging) नजर आ रही है। खबर है कि इस मामले में जांच (investigation into the matter)के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कहा जा रहा है कि कमेटी बोर्ड के दो सदस्यों के पुराने रिकॉर्ड तक खंगालने जा रही है। 19 मई को हुए सड़क हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यानी JJB ने आरोपी को निबंध लिखने जैसी शर्तों पर कुछ घंटों में ही जमानत दे दी थी।

महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास आयुक्त प्रशांत नरनावरे ने कमेटी गठित की है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से बोर्ड में नियुक्त किए गए दो सदस्यों के खिलाफ जांच होगी। इसके अलावा बोर्ड में एक मुख्य मजिस्ट्रेट भी है, जिसे न्यायपालिका ने नियुक्त किया है। तीनों सदस्यों का कार्यकाल तीन सालों का है।


आयुक्त ने अखबार को बताया, ‘सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी दो सदस्यों के पुराने रिकॉर्ड्स और आदेशों को भी खंगालेगी और 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट दाखिल करेगी।’ उन्होंने जानकारी दी है कि दोनों को करीब डेढ़ साल पहले नियुक्त किया गया था और रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार उनकी नियुक्ति खत्म कर सकती है।

2 की मौत हुई और 15 घंटों में दे दी जमानत

खास बात है कि हादसे के 15 घंटे के बाद ही बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को 7500 के मुचलके पर जमानत दे दी थी। कहा जा रहा था कि नाबालिग के दादा की तरफ से बुरी संगत से दूर रहने का भरोसा जताए जाने के बाद जमानत दी गई थी। साथ ही उसे सड़क हादसों पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहा गया था। जमानत की शर्तों में पुलिस के साथ 15 दिन काम करना, शराब की लत छुड़ाने के लिए डॉक्टर के पास जाने जैसी बातें भी शामिल थीं।

हुआ जमकर विरोध

हालांकि, इस जमानत के भारी विरोध के बाद जेजेबी ने नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी थी। साथ ही उसे 5 जून तक के लिए निगरानी केंद्र में भेजा गया था। इसके अलावा आरोपी के बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने सोमवार को ही ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।

पुलिस का कहना है कि फॉरेंसिक प्रमुख अजय तावरे और डॉक्टर श्रीहरि हलनोर ने आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल किसी अन्य व्यक्ति से बदल दिए थे। खबरें हैं कि पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच को करीब 3 लाख रुपये भी बरामद हुए हैं।

हादसे में दो की गई थी जान

19 मई को हुए हादसे में तेज रफ्तार पोर्श कार ने मध्य प्रदेश के रहने वाले 24 वर्षीय अनीस अवधिया और अश्विनी कोष्टा को चपेट में ले लिया था। इस हादसे में दोनों की ही मौत हो गई थी। कहा जा रहा था कि घटना के समय नाबालिग आरोपी कार चला रहा था। इसके अलावा उसका शराब पीते हुए एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था।

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