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शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाएंगी क्षेत्रीय भाषाएं : अमित शाह


बेंगलुरु । केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 द्वारा निर्देशित शिक्षा प्रणाली में (In Education System) क्रांति लाने (Bring Revolution) में क्षेत्रीय भाषाएं (Regional Languages) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी (Will Play an Important Role) ।


उन्होंने बसवा जयंती, अक्षय तृतीया और ईद के शुभ दिन नृपतुंगा विश्वविद्यालय में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत को ज्ञान आधारित महाशक्ति बनाने के सपने को साकार करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, केंद्र आजादी के 75 साल (आजादी का अमृत महोत्सव) के जश्न के दौरान छात्रों में देशभक्ति की संस्कृति पैदा करने की इच्छा रखता है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, देश में छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों, सात आईआईएम, 15 एम्स सहित कुल 410 उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित किए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र, जिसे पहले उपेक्षित रखा गया था, को भी शिक्षा सहित सभी विकास कार्यों में प्रमुखता दी गई है और लद्दाख में सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि एनईपी-2020 के कार्यान्वयन में कर्नाटक अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन गया है।

इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि सरकार तीन ई-एजुकेशन, एम्पलॉयमेंट और एम्पावरमेंट (शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण) पर जोर दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए एक नई रोजगार नीति बनाई गई है। यह कहते हुए कि केंद्र सरकार ने नृपतुंगा विश्वविद्यालय के लिए 55 करोड़ रुपये दिए हैं, मुख्यमंत्री ने एनईपी-2020 को लागू करने के लिए दो साल से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री के प्रयासों की सराहना की।

अपने उद्घाटन भाषण में उच्च शिक्षा मंत्री सी. एन. अश्वथ नारायण ने कहा कि मानव संसाधन देश की सबसे बड़ी संपत्ति है और एनईपी का नीचे से ऊपर तक का दृष्टिकोण भविष्य के नागरिकों को उत्पादक (प्रोडक्टिव) में बदलने का मार्ग प्रशस्त करेगा। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही नई शिक्षा नीति के बारे में उल्लेख किया था और मामलों की कमान संभालने के बाद इसे पेश किया था। उन्होंने कहा कि यह छात्रों को प्रासंगिक कौशल हासिल करने में सक्षम बनाकर उद्योग के लिए तैयार करेगा। पिछले दो वर्षों में, राज्य सरकार ने छह विश्वविद्यालयों की स्थापना की है और सात और स्थापित करने की प्रक्रिया में है। नारायण ने कहा कि निकट भविष्य में हर जिले में कम से कम एक विश्वविद्यालय होगा।

राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेन्द्र ने कहा, “क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल), बल्लारी, जिसे हाल ही में स्थापित किया गया है, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए पड़ोसी जिलों के लोगों की सेवा करेगी।” उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (गुजरात) के क्षेत्रीय परिसर के उद्घाटन की सुविधा के लिए 50 एकड़ भूमि की पहचान की गई है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में जल्द से जल्द अपना परिसर स्थापित करने की सुविधा प्रदान करने की भी अपील की।

इस अवसर पर, क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, बल्लारी और स्मार्ट ई-बीट पुलिस प्रणाली को वर्चुअली लॉन्च किया गया। इसके अलावा नृपतुंगा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर की आधारशिला रखी गई और विश्वविद्यालय का लोगो भी लॉन्च किया गया।

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