इंदौर न्यूज़ (Indore News)

शाही अपराधी चिराग शाह : ना अदालत, न मुख्यमंत्री की परवाह, पुलिस की माफियाओं से खुली सांठगांठ, 23 प्रकरण दर्ज, फिर भी छोड़ दिया

  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद हाथ आए अपराधी को पुलिस ने दे डाली क्लीन चिट

इंदौर (Indore)। शहर के भूमाफियाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री (Chief Minister) के ऐलान के बावजूद पुलिस की इन माफियाओं के साथ चल रही मिलीभगत के चलते जहां दीपक मद्दा सालों बाद गिरफ्तार हुआ, वहीें पुलिस ने हाथ आए चिराग शाह को क्लीन चिट देते हुए छोड़ दिया कि उसके खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं है, जबकि चिराग पर शहर के विभिन्न थानों में आज भी 23 एफआईआर दर्ज है और उनमें से किसी भी प्रकरण में उसे जमानत नहीं मिली है। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट द्वारा भूखंड पीडि़तों को न्याय दिलाए जाने के लिए कमेटी का गठन कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है, लेकिन चिराग शाह की फरारी के चलते उसके द्वारा जिन 23 भूखंडधारियों को ठगा गया, उनका निराकरण अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस ने चिराग शाह को छोडक़र सुप्रीम कोर्ट तक को अपने तेवर दिखा दिए।

मुख्यमंत्री द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने और उन्हें सीखचों में कैद करने के ऐलान के बावजूद इंदौर पुलिस द्वारा सालों तक दीपक मद्दा और चिराग शाह को गिरफ्तार नहीं किए जाने के बाद जब मथुरा से दीपक मद्दा की गिरफ्तारी की गई, उस वक्त चिराग शाह भी उसी के साथ था, लेकिन पुलिस ने यह कहकर चिराग को छोड़ दिया कि उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं है, जबकि पुलिस का रोचनामचा साफ बताता है कि उसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में आज भी 23 प्रकरण दर्ज हैं। इनमें से एक प्रकरण तो हाल ही में प्रशासन ने खुद चिराग के खिलाफ दर्ज कराया है। उसके बावजूद पुलिस द्वारा चिराग को छोड़े जाने से साफ जाहिर होता है कि लेन-देन के चलते माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकरण क्रमांक 10869 /2018 में कालिंदी गोल्ड सिटी एवं फिनिक्स टाउनशिप सहित अन्य प्रकरणों में प्रशासन को एक कमेटी बनाकर भूमाफिया हैप्पी धवन, चिराग शाह, रीतेश अजमेरा से भूखंड पीडि़तों के निराकरण के निर्देश दिए गए थे। इनमें से रीतेश अजमेरा और हैप्पी धवन द्वारा लगातार प्रशासन से संपर्क कर प्रकरणों का निराकरण कराया जा रहा है, लेकिन चिराग शाह की ओर से साजिद खान नामक व्यक्ति प्रशासन के समक्ष पेश हो रहा है, लेकिन किसी भी भूखंड पीडि़त का निराकरण नहीं हो रहा है। पिछले दिनों हाईकोर्ट में अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने भूमाफियाओं द्वारा सहयोग नहीं किए जाने की शिकायत भी की थी, लेकिन आलम यह है कि उन्होंने भी पुलिस से चिराग शाह को पेश किए जाने की कोई अपील नहीं की और पुलिस ने भी तमाम प्रकरणों के बावजूद चिराग को शाही अंदाज में छोड़ दिया।


चिराग शाह पर दो थानों में दर्ज एफआईआर की सूची
अपराध क्र. धारा थाना
44/19 420/34 लसुडिय़ा
1410/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1413/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1414/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1415/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1424/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1432/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1435/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
1437/19 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा
2/2020 420, 467, 468, 471 बाणगंगा
1459/20 420, 467, 468, 471 बाणगंगा
07/20 420, 467, 468, 471 बाणगंगा
1460/20 420, 467, 468, 471 बाणगंगा
0225/22 420, 467, 468, 471 लसुडिय़ा

प्रशासन द्वारा हाल ही में दर्ज कराए गए प्रकरण में आरोपी महिला तक को जमानत नहीं, फिर चिराग कैसे छूटा
प्रशासन द्वारा राजस्व निरीक्षक मनीष चतुर्वेदी के माध्यम से लसुडिय़ा थाने में 14 फरवरी 2022 को दर्ज कराई गई प्रीति भिसे की रिपोर्ट पर फिनिक्स टाउनशिप के प्लाटों की अफरा-तफरी का मुकदमा कायम किया गया था, जिसमें चिराग शाह के साथ ही दीपक अग्रवाल, उसकी पत्नी स्वाती अग्रवाल एवं अन्य आरोपी थे। इस मामले में स्वाती अग्रवाल द्वारा लगाई गई जमानत की अर्जी अदालत द्वारा रद्द कर दी गई, जबकि चिराग ने कोई आवेदन ही नहीं दिया। यह प्रकरण भी अभी कायम है, फिर पुलिस ने उस पर कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं होने की बात कहकर न केवल उसे क्लीन चीट दी, बल्कि उसे छोड़ भी दिया।

चिराग ने ही पहले चम्पू और अब मद्दे को गिरफ्तार कराया…
जब पुलिस ने मथुरा से दीपक मद्दा को गिरफ्तार किया, उस वक्त चिराग शाह भी उसके साथ था, जिसे पुलिस ने यह कहकर छोड़ दिया कि उसके खिलाफ कोई प्रकरण कायम नहीं है। बताया जाता है कि चिराग ने ही मुखबिरी कर दीपक मद्दे को गिरफ्तार कराया। इससे पहले वह रीतेश अजमेरा ऊर्फ चम्पू को भी गिरफ्तार करवा चुका है। अपनी इस मुखबिरी के ईनाम में वह पुलिस से संरक्षण हांसिल कर रहा है।

कौन है यह साजिद खान….और प्रशासन चिराग के बदले साजिद से क्यों कर रहा है डील
सप्रीम कोर्ट द्वारा भूमाफियाओं से प्रकरणों का निराकरण कराए जाने के निर्देश के बाद प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी के मुखिया अभय बेड़ेकर द्वारा चिराग की जगह खुद को चिराग का प्रतिनिधि बताने वाले साजिद खान से डील की जा रही है और भूखंडधारकों को प्लाट के बजाए चेक से पैसे दिलाए जा रहे हैं, लेकिन जिन लोगों को चेक दिए गए, उनके चेक भी डिस आनर हो चुके हैं। इस तरह साजिद से फर्जी निराकरण करवाकर रिपोर्ट पेश की जा रही है।

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