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Sahara Refund: सहारा का पैसा 2024 के चुनाव से पहले मिलना मुश्किल, लेकिन पाई-पाई लौटाने की ‘मोदी की गारंटी’

नई दिल्‍ली (New Dehli) । सहारा समूह(sahara group) के निवेशकों का पैसा (Money)लौटाने के लिए मोदी सरकार (Modi government)को 5000 करोड़ रुपये मिले हैं। पोर्टल के जरिए निवेशकों(investors) ने सहारा की सहकारी समितियों में फंसे 80,000 करोड़ रुपये वापस लेने की मांग की है। जबकि, सहारा समूह में 9.88 करोड़ निवेशकों 86,673 करोड़ रुपए फंसे हैं।

मोदी सरकार अब सुप्रीम कोर्ट से और पैसा पाने के लिए गुहार लगाएगी। अब सवाल यह है कि क्या यह काम 2024 के चुनाव से पहले हो जाएगा? बता दें सहारा समूह में 1.13 करोड़ निवेशक ऐसे हैं, जिन्होंने 5000 रुपये से कम की रकम जमा किया है। ऐसे गरीब निवेशकों को ही रिफंड के लिए कुल 2793 करोड़ रुपये की जरूरत है।


सरकार ने राज्य सभा में दिया जवाब: सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में बताया कि सरकार सहारा समूह से अधिक धनराशि पाने के लिए वह फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगी। वर्मा ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने निवेशकों के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया है, जहां वे अपने फंसे पैसे पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक तीन करोड़ निवेशकों ने 80,000 करोड़ रुपये वापस पाने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। हमने 45 दिनों में निवेशकों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है। हमें 5,000 करोड़ रुपये मिल गए हैं।

सभी का पाई-पाई लौटाएंगे: मंत्री

हम सभी निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए और अधिक धनराशि प्राप्त करने के लिए (सहारा समूह से) फिर उच्चतम न्यायालय जाएंगे। सहारा समूह के निवेशकों का एक-एक पैसा लौटाया जाएगा। वर्मा ने कहा कि कई निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि (पोर्टल पर) प्रक्रिया से गुजरने वाले सभी निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा।

क्या है हकीकत

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिम एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने अपने आदेश में नौ महीने के भीतर निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया था। 5000 करोड़ रुपए की धनराशि सेबी-सहारा खाते से सेंट्रल रजिस्ट्रार आफ कोआपरेटिव सोसाइटी को ट्रांसफर की गई। सेबी-सहारा रिफंड खाते में तकरीबन 24.5 हजार करोड़ रुपये है।

सेबी-सहारा रिफंड बैंक खाता अगस्त 2012 में उस वक्त खोला गया, जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दो प्रमुख फर्मों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को रिलीज किए गए आप्शनली फुल कन्वर्टिबल बांड्स (ओएफसीबी) में इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने को कहा।

कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ने 15,000 करोड़ रुपए की धनराशि से ज्यादा इस खाते में जमा कराई, जो ब्याज के साथ बढ़कर 24,000 करोड़ रुपए हो चुकी है। सेबी-सहारा रिफंड खाते से दिसंबर 2022 तक केवल 133 करोड़ रुपए का ही रिफंड किया जा सका है।

आगे क्या होगा

अगर सुप्रीम कोर्ट पैसे देने का आदेश देती है तो सहारा के कुछ निवेशकों को राहत मिल सकती है। सहारा रिफंड के लिए दावेदारों की संख्या और रकम को देखते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले पैसा मिलना मुश्किल नजर आ रहा है।

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