नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने और उन्हें हिरासत में रखने के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से नौ अप्रैल को वैध करार दिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को फिलहाल राहत नहीं मिली है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने जांच एजेंसी ईडी को नोटिस जारी किया है और 24 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है. इस बीच अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसी मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट को बीच में ही टोक कर कहना पड़ा कि अपनी दलीलें बहस के लिए बचाकर रखें.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तभी अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहाई की मांग की. हमें लोकसभा चुनाव में प्रचार भी करना है. इसलिए हमें रिहा कर दिया जाए. अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अभी तक जितने भी आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं, उनमें अरविंद केजरीवाल का नाम कहीं भी नहीं है. इस पर बीच में ही टोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपनी दलीलें सुनवाई के दौरान बहस के लिए बचा कर रखें. इसके बाद कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया. इस पर सिंघवी ने कहा कि नोटिस के बाद मामले की सुनवाई जल्द की जाए.
हाईकोर्ट ने दिया था झटका
बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी गिरफ्तारी को वैध करार दिया था और कहा था कि बार-बार समन जारी करने के बावजूद जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास ‘थोड़ा विकल्प’ बचा था. हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल की ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद संघीय एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी.
कब गिरफ्तार हुए थे अरविंद केजरीवाल
दरअसल, यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है. इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था. हाईकोर्ट द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद ही ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. अरविंद केजरीवाल को अदालत ने 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और वह अब तिहाड़ जेल में बंद हैं.