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वैज्ञानिकों ने खोजा N95 मास्क के दोबारा इस्‍तेमाल का तरीका


ह्यूस्टन। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बावजूद N95 मास्क जैसे सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी की वजह से इनका दोबारा इस्तेमाल करने को मजबूर स्वास्थ्य कर्मियों की इस समस्या का वैज्ञानिकों ने समाधान ढूंढ लिया है। शोधकर्ताओं ने एन95 मास्क को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए ऊष्मा और नमी का संयोजन करके उसे संक्रमण-मुक्त करने का एक नया तरीका खोजा है।

हालांकि, ऊर्जा विभाग के एसएलएसी नैशनल एक्सीलिरेटर लेबोरेटरी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की चिकित्सकीय शाखा के शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च सापेक्ष आर्द्रता में धीरे-धीरे एन 95 मास्क को गर्म करने से उनकी गुणवत्ता में गिरावट के बिना मास्क के भीतर फंसे सार्स-कोव-2 वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है।

इस शोध-पत्र के वरिष्ठ लेखक स्टैनफोर्ड के भौतिक विज्ञानी स्टीवन चू ने कहा, ‘यह वास्तव में एक समस्या है, इसलिए यदि आप कुछ दर्जन बार मास्क को रीसाइकल करने का तरीका ढूंढ सकते हैं, तो यह समस्या दूर हो जाती है।’ चू ने कहा, ‘आप प्रत्येक डॉक्टर या नर्स की कल्पना कर सकते हैं कि उनके पास एक दर्जन से अधिक मास्क का अपना निजी संग्रह होने जा रहा है। कॉफी ब्रेक के दौरान वे अपने मास्क को संक्रमण-मुक्त कर सकेंगे।’
नए अध्ययन में चू के साथ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की चिकित्सकीय शाखा के विषाणु विज्ञानी स्कॉट वीवर और स्टैनफोर्ड/एसएलएसी के प्रोफेसरों यी कुई और वाह चिउ ने मास्क को संक्रमण-मुक्त करने की कोशिश करने के लिए ऊष्मा और आर्द्रता के संयोजन पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपने नमूनों को 100 प्रतिशत तक की सापेक्ष आर्द्रता के साथ 25 से 95 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 मिनट तक गर्म किया। 25 सितंबर को एसीएस नैनो पत्रिका में इस शोध के निष्कर्षों को प्रकाशित किया गया।

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