इंदौर न्यूज़ (Indore News)

चोरी-छिपे चाइना के पटाखे आ गए बाजार में बिकने


चाइना की पिस्तौल भी बच्चों के हाथ में
इंदौर।  पिछले कुछ सालों से चाइना (china) के पटाखों पर प्रतिबंध लगा हुआ था, लेकिन इस बार बचे हुए पटाखे (firecrackers) चोरी-छिपे बाजारों में मिल रहे हैं। भारतीय पटाखों ( indian firecrackers) की तरह दिखने वाले इन पटाखों पर अच्छा मार्जिन रहता है, इस कारण पटाखा व्यापारी (traders) इन्हें बेचने में रुचि लेते हैं। यही नहीं, बच्चों के लिए चाइना की पिस्तौल भी बाजार में दिखाई दे रही है, जिसमें से मिसाइल निकलती है और ये मिसाइल (missiles) खतरनाक साबित होकर बड़ी दुर्घटना (major accidents) का कारण भी बन सकती है।


एक साल तो हिन्दू संगठनों (hindu organizations) ने चाइना (china) के माल का बहिष्कार तक करवा दिया था, जिसमें सजावटी सामान (decorative items), घर की आवश्यक वस्तुओं से लेकर पटाखे भी शामिल थे। उसके बाद कोरोना काल (corona period) में चीन के विरोध के कारण पिछले साल ग्रीन पटाखों को तवज्जो दी गई और चाइना के पटाखे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सूत्रों के अनुसार शहर में कुछ व्यापारी ऐसे हैं, जो चाइना (china) से पटाखे (firecrackers) मंगाते थे और उन्हें बाजार में खपाते थे। इसको बेचने पर फायदा अच्छा होता है और आम पटाखों से ये पटाखे सस्ते भी मिलते हैं। इस कारण चाइना (china)  के पटाखों को आम लोग भी खरीदते हैं, लेकिन प्रतिबंध के बावजूद अब यह पटाखे चोरी-छिपे बाजार में बिक रहे हैं। विशेषकर लस्सन बम, जो फेंकने पर फूटता है, की ज्यादा डिमांड है। यह पटाखा अभी बच्चों की पहली पसंद बना हुआ है। इस प्रकार के खतरनाक पटाखों पर पहले ही प्रतिबंध है, लेकिन पटाखा दुकानों के अलावा ये पटाखे गली-मोहल्लों की छोटी-छोटी दुकानों में आसानी से मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जो पटाखे (firecrackers) बच गए थे वे भी बाजार में खपाए जा रहे हैं, ताकि नुकसान से बचा जा सके। चूंकि इस बार कोरोना का प्रभाव भी कम है और चाइना (china)  का विरोध भी नजर नहीं आ रहा है, इसलिए व्यापारी इस मौके का लाभ लेकर पुराने पटाखे बाजार में बेच रहे हैं। अपने यहां बनने वाले पटाखों से इन पटाखों के कवर एक जैसे दिखते हैं, इसलिए पहचाना नहीं जा सकता कि ये चाइना के पटाखे (firecrackers)  हैं। इसके साथ ही चाइना (china)  की पिस्तौल भी खूब चल रही है। सामान्य तौर पर 20 रुपए में मिलने वाली ये पिस्तौल (pistols) बाजार में 50 से 200 रुपए में मिलती है और इसके माध्यम से मिसाइल छोड़ी जाती है, जो फूट जाती है। अगर ये मिसाइल सीधे किसी के ऊपर छोड़ी जाए तो उससे नुकसान भी हो सकता है और ज्वलनशील पदार्थ (flammable substances) पर गिर जाए तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

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