उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

असंगठित कामगार बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार शहर पहुँचे शेखावत

  • शाम 5 बजे से इंगोरिया रोड खड़े हनुमान मंदिर से काफिले के साथ निकले, शहर में विभिन्न मंचों से हुआ स्वागत

नागदा। असंगठित कामगार बोर्ड का दूसरी बार अध्यक्ष बनने के बाद सुल्तानसिंह शेखावत पहली बार शहर पहुंचे। रविवार की शाम 5 बजे शेखावत शहर पहुंचे, जहां इंगोरिया रोड खड़े हनुमान मंदिर पर दर्शन व स्वागत समारोह के बाद वे काफिले के रुप में शहर में निकले। विभिन्न मंचों से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। पिछली शिवराज सरकार में भी इसी बोर्ड के अध्यक्ष रहें शेखावत ने प्रदेशभर के लाखों असंगठित मजदूरों के लिए संबल योजना शुरू की थी शेखावत की अगवानी की तैयारी शनिवार से ही शुरू हो गई थी। एक दिन पहले शहरभर में अनाउंस कराकर उनके कार्यक्रम की सूचना पहुंचाई गई। इसी के साथ फ्लैक्स, बैनरों से शहर को पाट दिया गया। रविवार सुबह से स्वागत रैली मार्ग पर स्वागत द्वार बनाना शुरू कर दिए गए। सरकार द्वारा मजदूर नेता सुल्तानसिंह शेखावत को दूसरी बार मप्र असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल का अध्यक्ष बनने पर प्रथम नगर आगमन पर शनिवार को विशाल स्वागत रैली निकाली गई। इंगोरिया रोड स्थित खड़े हनुमान मंदिर पर पूजा-अर्चना के बाद शुरू हुई रैली में पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत, लालसिंह राणावत, जितेंद्र गेहलोत, पूर्व नपाध्यक्ष अशोक मालवीय, गोपाल यादव, राजेंद्र अवाना, पूर्व नपा उपाध्यक्ष सज्जन शेखावत, मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल, सांसद प्रतिनिधी प्रकाश जैन, महेश व्यास, अशोक मावर, ओ.पी. गेहलोत, युवा मोर्चा अध्यक्ष भवानी सिंह देवड़ा, लक्की गुर्जर, महिला नेत्री साधना जैन,अनोखीलाल भंडारी, दयाराम धाकड़, सूर्यप्रकाश शर्मा, अनिल छाजेड़, राजेश गगरानी, राजेंद्र जैन, राजेश धाकड़, रामसिंह शेखावत, राकेश यादव, हरीश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में भाजपाई शामिल हुए। शहर के विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक, शासकीय, अर्धशासकीय व धार्मिक संगठनों ने शहर में 100 से अधिक स्वागत मंचों से शेखावत का स्वागत किया।


नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक व उपसंचालक को भेजा 15 सूत्रीय मांग पत्र
नागदा। मटमैला पानी सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर मांग पत्र नागरिक अधिकार मंच ने नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक व उपसंचालक भोपाल को भेजा है। मंच अध्यक्ष अभय चौपड़ा व संयोजक शैलेंद्रसिंह चौहान ने बताया नगर पालिका पेयजल परीक्षण के रुप में अप्रशिक्षित केमिस्ट से स्तरहीन जांच कराती है, जिससे जलजनित बीमारियों से ग्रस्त मरीजों में वृद्धि हुई है। इसके पीछे दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाना चाहिए। नगर पालिका में आरक्षण नियम का पालन किए बिना भर्ती की गई है। नगर पालिका की ऑडिट रिपोर्ट में करोड़ोंं रुपए के घोटाले शामिल है, जिनका निराकरण नहीं हुआ है। इन सब के अलावा ऐसे कई मुद्दे है, जिन पर किसी का ध्यान नहीं है। ऐसे में सभी मांगों पर विचार करके इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियोंं पर कार्रवाई की जाएं।

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