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शिवराज ने माना, GST ने जटिल, अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को बनाया सरल-पारदर्शी

भोपाल । जीएसटी (GST ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जी के ‘एक देश-एक टैक्स’ के सपने को पूरा कर रहा है। जीएसटी ने जटिल, अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-संचालित कर व्यवस्था में परिष्कृत किया है। प्रक्रियाओं के निरंतर सरलीकरण और दर संरचनाओं के युक्तिकरण के साथ भारत के बाजार अब एकीकृत हो रहे हैं। इसका फायदा आमजन के साथ व्यापार करने वाले वर्ग को भी मिल रहा है। यह बातें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जीएसटी प्रणाली को लागू हुए चार वर्ष पूर्ण होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही।


मुख्यमंत्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के करदाताओं को कई तरह की राहतें दी गई हैं। जीएसटी के तहत ज्यादातर वस्तुओं पर 5, 12 या 18 प्रतिशत टैक्स लगता है। केवल कुछ विलासिता की वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स लगता है। जीएसटी से पहले सभी वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स 31 फीसदी तक जाते थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जीएसटी जीएसटी ग्राहक के अनुकूल होने के साथ-साथ करदाताओं के अनुकूल भी है। जीएसटी से कई वस्तुओं पर टैक्स कम हुआ है और इससे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आया है। 20 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई थी। अब उस सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये (माल के लिए) कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में चार साल पहले जीएसटी प्रणाली लागू की गई थी। यह सबसे महत्वाकांक्षी कराधान सुधारों में से एक था। जीएसटी ने न केवल दर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया, बल्कि करदाताओं के लिए अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया।
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