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श्रद्धा वालकर के पिता ने आफताब के लिए मांगी फांसी की सजा, वसई पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

मुंबई: दिल्ली के महरौली में अपने लिव-इन पार्टनर के हाथों कत्ल की गई श्रद्धा वालकर के पिता शुक्रवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले. इस मुलाकात के बाद विकास वालकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं सबसे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और डीसीपी साउथ को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि मुझे न्याय जरूर दिलाएंगे. डिप्टी सीएम दवेंद्र फडणवीस की ओर से भी हमें न्याय का आश्वासन मिला है. हमारे परिवार को बहुत दुख है…बेटी की हत्या होने से. मेरी तबीयत खराब हो गई थी. वसई पुलिस की लापरवाही की वजह से मेरे परिवार को यह परेशानी हुई. अगर पुलिस समय पर कदम उठाती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती. आफताब ने मेरी बेटी की निर्मम हत्या की. उसे कठोर से कठोर सजा होनी चाहिए. आफताब के परिजनों, रिश्तेदारों व घटना में शामिल अन्य सभी के खिलाफ जांच हो.’

विकास वालकर ने कहा, ‘मुझे कानून पर भरोसा है. दिल्ली पुलिस की जांच चल रही है…सही तरह से चल रही है. फिर भी वसई पुलिस और नालासोपारा पुलिस ने जांच में देरी की. उस वजह से मुझे दिक्कतें हुईं. मेरी बेटी आज जिंदा होती या सबूत मिलने में मदद मिलती. मेरी बेटी को इंसाफ मिले इसके लिए आप लोग (मीडिया) मेरी जो मदद कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे मुझे उम्मीद है. इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मैं आफताब पूनवाला के लिए भी उसी तरह के सबक की उम्मीद करता हूं जिस तरह उसने मेरी बेटी की हत्या की. उसे फांसी होनी चाहिए. आवेदनों पर कुछ प्रतिबंध होने चाहिए. 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जाना चाहिए. मैं चाहता हूं जो मेरे साथ हुआ ऐसा किसी और के साथ ना हो.’


‘मैंने श्रद्धा से बात करने की कोशिश ​की, लेकिन 2 साल से उसने जवाब नहीं दिया’
श्रद्धा के पिता ने कहा, ‘मैंने अपनी बेटी से बात करने की कोशिश की लेकिन पिछले दो सालों में उसने मुझे कोई जवाब नहीं दिया। मुझे कभी नहीं बताया गया कि मेरी बेटी के साथ क्या हो रहा है. आखिरी बार मेरी श्रद्धा से 2021 में बात हुई थी. मैंने उसके ठिकाने के बारे में बात की, उसने कहा कि वह बेंगलुरु में रहती है. मैंने इस साल 26 सितंबर को आफताब से बात की, तो मैंने उससे अपनी बेटी के बारे में पूछा. उसने मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. मैं श्रद्धा और आफताब पूनावाला के रिश्ते के खिलाफ था. मैं आफताब द्वारा श्रद्धा के साथ की गई घरेलू हिंसा से अनजान था. मुझे लगता है, उसके परिवार के सदस्यों को सब कुछ पता था कि वह मेरी बेटी के साथ क्या कर रहा था. आफताब ने श्रद्धा को घर छोड़ने के लिए और हमसे संबंध तोड़ने के लिए मना लिया था. डेटिंग ऐप्स के जरिए ही श्रद्धा आफताब के संपर्क में आई थी.’

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