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जिसे अपना गुरु मानते थे सिद्धू मूसेवाला उसका भी हुआ था दर्दनाक अंत, मिलती-जुलती है दोनों की कहानी

नई दिल्‍ली । पंजाब (Punjab) के पॉपुलर सिंगर और कांग्रेस नेता शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की रविवार शाम बदमाशों ने गोली मारकर हत्या (Sidhu Moose Wala Murder) कर दी. सिद्धू की मौत से उनके फैंस को बड़ा झटका लगा है. सिद्धू की मौत को एक संयोग कहें या नियति, दुर्भाग्य कहें या विडंबना कि बचपन से जिस आर्टिस्ट को उन्होंने अपना आदर्श माना, जिसे सुनकर सिद्धू के अंदर गायकी का हुनर पैदा हुआ, उन्हें कामयाबी और मौत दोनों बिल्कुल उसी के जैसी ही मिली.


कैसे पैदा हुआ गाने का जज्बा?
सिद्धू का मन बचपन से ही पढ़ाई से ज्यादा संगीत में लगता था. पंजाबी स्टीरियोटाइप को तोड़ते हुए वो स्कूल के दिनों में ही इंग्लिश रैप और हिपहॉप म्यूजिक के करीब आ गए थे. इसी बीच अमेरिकी रैपर टुपैक शकुर के गानों ने सिद्धू के मन पर गहरी छाप छोड़ी. सिद्धू टुपैक के गाने सुनते और उनका मतलब समझने की कोशिश करते. धीरे-धीरे सिद्धू ने टुपैक के स्टाइल को कॉपी करना शुरू कर दिया और पंजाबी में अपने गाने कम्पोज़ करने लगे.

कौन थे टुपैक शकुर?


टुपैक का नाम दुनिया के बेस्ट रैपर में गिना जाता है. उनके गानों में सामाजिक मुद्दों की झलक भी देखने को मिलती है. उनके ‘सो मैनी टियर्स’, ‘कैलिफोर्निया लव’ और ‘2 ऑफ अमेरिकाज़ मोस्ट वॉन्टेड’ जैसे कुछ गानें बहुत फेमस हैं. आप यह जानकर हैरान होंगे कि टुपैक की मौत भी बिल्कुल सिद्धू मूसेवाला की तरह ही हुई थी.

टुपैक की दर्दनाक मौत
टुपैक शकुर और सिद्धू मूसेवाला की सिंगिंग और सक्सेस लाइफ जितनी मेल खाती हैं, दोनों की मौत भी उतनी ही दर्दनाक तरीके से हुई. 7 सितंबर 1996 को लॉस एंजिलिस में एक अज्ञात हमलावर ने कार में बैठे टुपैक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. टुपैक सिर्फ 25 साल के थे. इस घटना के लगभग 25 साल बाद पंजाब के मानसा जिले में भी बिल्कुल ऐसी ही एक घटना को अंजाम दिया गया है. जहां हमलावरों के निशाने पर सिद्धू मूसेवाला थे.

सिद्धू का आखिरी सॉन्ग वायरल
सिद्धू की मौत के बाद उनका आखिरी गाना ‘द लास्ट राइड’ बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस गाने को सुनकर लगता था कि जैसे सिद्धू अपनी किस्मत के बारे में पहले से जानते थे. दरअसल गाने में सिद्धू ने अपने जवानी में मर जाने का जिक्र किया है. गाने में सिद्धू कहते हैं- ‘ऐदा उठूगा जवानी विच जनाजा मिठिए’ यानी ‘जवानी में ही जनाजा उठेगा.’ सिद्धू के इन ‘आखिरी लफ्ज़ों’ को सुनकर उनके फैंस की आंखें आज नम हैं.

सिद्धू का फेमस ‘295’ सॉन्ग भी वायरल
सिद्धू की मौत के बाद सोशल मीडिया पर उनका 295 सॉन्ग भी बहुत वायरल हो रहा है. इस गाने को फैंस उनकी मौत की तारीख से कनेक्ट कर रहे हैं. दरअसल, सिद्धू की हत्या पांचवें महीने की 29 तारीख को हुई है. इन डिजिट्स को अगर हम न्यूमैरिक ऑर्डर में देखें तो ये 295 नंबर बनता है, जो कि सिद्धू के एक बड़े फेमस सॉन्ग का टाइटल भी है.

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