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Som Pradosh Vrat 2023: कब है चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए तिथि, मुहूर्त व महत्‍व

नई दिल्‍ली (New Delhi)। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार और प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) बहुत महत्वपूण माना जाता है. अभी चैत्र माह (chaitra month) का शुक्ल पक्ष चल रहा है. चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत बहुत खास होने वाला है, क्योंकि ये सोम प्रदोष व्रत होगा. शिव के प्रिय दिन और तिथि का एक साथ होना अद्भुत संयोग माना जाता है. कहते हैं ऐसे संयोग में प्रदोष काल में शिव पूजा (Shiva Puja) करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं चैत्र माह के सोम प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि.

चैत्र सोम प्रदोष व्रत 2023 डेट (Chaitra Som Pradosh Vrat 2023 Date)
चैत्र माह का सोम प्रदोष व्रत 3 अप्रैल 2023, सोमवार को है.त्रयोदशी तिथि के दिन जब भी सोमवार आता है, उस दिन को सोम प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन शाम के समय शिव प्रसन्न मुद्रा में कैलाश पर नृत्य करते हैं और भक्तों की पूजा स्वीकार कर उनके दुख-दोष दूर करते हैं.

चैत्र सोम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त (Chaitra Som Pradosh Vrat 2023 Muhurat)
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 03 अप्रैल 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 04 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर इसका समापन होगा.


शिव पूजा का मुहूर्त – शाम 06 बजकर 40 – राज 08 बजकर 58 (3 अप्रैल 2023)

3 शुभ योगों में है प्रदोष व्रत
चैत्र का पहला प्रदोष व्रत 3 शुभ योगों में है. इस दिन सि​द्ध योग, साध्य योग और द्विपुष्कर योग (dwipushkar yoga) बन रहे हैं. सि​द्ध योग प्रात: काल से लेकर रात 08 बजकर 07 मिनट तक है और उसके बाद से साध्य योग प्रारंभ हो जाएगा. व्रत वाले दिन द्विपुष्कर योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 08 बजकर 07 मिनट पर खत्म हो जाएगा. ये तीनों ही योग शुभ हैं.

सोम प्रदोष व्रत महत्व (Som Pradosh Vrat Significance)
धार्मिक मान्यता के अनुसार सोम प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों का दान करने के बराबर मिलता है. सोम प्रदोष व्रत के दिन इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशियां दस्तक देती हैं. जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष है उन्हें सोम प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए, इसके परिणाम स्वरूप कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और मानसिक तनाव (mental stress) से मुक्ति मिलती है.

सोम प्रदोष व्रत में न करें ये गलतियां (Som Pradosh Vrat Rules)
प्रदोष व्रत के दिन पूजा में काले वस्त्र न पहनें
पिता और गुरु का भूलकर भी अनादर न करें.
किसी तरह की हिंसा, महिलाओं के लिए अपशब्द का प्रयोग न करें. कहते हैं इससे व्रत निष्फल हो जाता है.
जहां शिव पूजा करनी है वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर में शांति का माहौल रखें.

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.

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