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Somvati Amavsya 2023: आज है सोमवती अमावस्या, भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना होगा अशुभ

नई दिल्ली (New Delhi)। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavsya) कहा जाता है. सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं. सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है. इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है. मान्यता के अनुसार, पीपल के वृक्ष में देवी देवताओं का वास होता है. सोमवती अमावस्या 20 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है. यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो इस दिन स्नान, दान करने से मुक्ति मिलती है. साथ ही कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस दिन दान करना चाहिए.

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त (Somvati Amavasya 2023 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या 19 फरवरी को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 20 फरवरी यानी आज दिन में 12 बजकर 35 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, सोमवती अमावस्या 20 फरवरी यानी आज ही मनाई जा रही है. आज शिव योग भी बन रहा है. शिव योग सुबह 11 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन 21 फरवरी को सुबह 06 बजकर 57 मिनट पर होगा.


सोमवती अमावस्या पर बन रहा है शुभ संयोग
सोमवती अमावस्या आज सोमवार के दिन पड़ रही है और साथ ही आज शिव योग का संयोग भी बन रहा है. ये दिन और योग दोनों ही महादेव को समर्पित है. इस योग में मंत्र जाप, तप, श्राद्ध कर्म करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है.

सोमवती अमावस्या पूजन विधि (Somvati Amavasya 2023 Pujan Vidhi)
इस दिन किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें. गायत्री मंत्र का पाठ करें. इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें. पितरों का तर्पण करें और उनके मोक्ष की कामना करें. पूजा-पाठ के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र का दान करें. इस दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल की पूजा करती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करके कमजोर चंद्रमा को बलवान किया जा सकता है.

सोमवती अमावस्या महत्व (Somvati Amavasya Importance)
आज सोमवती अमावस्या पर शिव योग बन रहा है. इस योग में सोमवती अमावस्या के पूजन से विशेष लाभ होता है. पितरों के तर्पण के लिए अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है. इस दिन पितरों का पूजन करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ये व्रत रखता है उसके जीवन में कोई समस्या नहीं आती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

सोमवती अमावस्या के दिन भूलकर न करें ये काम (Somvati Amavasya Mistakes)

1. सोमवती अमावस्या का व्रत हैं तो श्रृंगार करने से बचें. सादगी अपनाएं. इस दिन चटाई पर सोना चाहिए और शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए. दोपहर में सोने से भी परहेज करें.

2. सोमवती अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए. इस दिन पुरुष और स्त्री को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए. गरुण पुराण के अनुसार, अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता है.

3. अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए. इसलिए पूजा करें, लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें. इससे धन की हानि होती है.

4. अमावस्या पर किसी इंसान को श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए. इस दिन नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं.

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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