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रॉबर्ट वाड्रा के करीबी आर्म्स डीलर संजय भंडारी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में भेजा समन


नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा के करीबी आर्म्स डीलर संजय भंडारी की मुश्किलें बढ़ने वाली है। राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए ईडी को लंदन में छुपे बैठे संजय भंडारी और अन्य लोगों को समन जारी कर संजय भंडारी को भारत में लाने के लिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। बता दें कि भंडारी फरार है और उसे आखिरी बार ब्रिटेन में देखा गया था। उसके खिलाफ ईडी दो मामलों की जांच कर रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने कहा आरोपी को समन जारी किया जाए।

दरअसल ईडी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जरिये ये पता चला था कि संजय भंडारी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कई कंपनियों के जरिये काफी ज्यादा पैसा विदेश में ट्रांसफर किया था। जिसकी जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग और ब्लैक मनी एक्ट के तहत कर रही थी। ईडी ने कोर्ट को बताया जांच में यह पाया गया कि कर चोरी के लिए भंडारी ने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर विदेशों में काला धन छिपाया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। एजेंसी ने दावा किया कि भंडारी की विभिन्न देशों में संपत्ति है और पनामा की एक कंपनी से भी उसके वित्तीय हित जुड़े हैं।

भंडारी और उससे जुड़ी कंपनियों और अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों के तहत एक जून को दाखिल किये गये आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद बृहस्पतिवार को अदालत ने यह आदेश जारी किया। यहां राऊज एवेन्यू अदालत के विशेष न्यायाधीश ने कहा आरोपी व्यक्ति को सम्मन जारी किया जाए और ईडी को निर्देश दिया जाता है कि वह संजय भंडारी के खिलाफ ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष लंबित प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज करे, ताकि उसे कानून के मुताबिक मुकदमा चलाने के लिये भारत लाया जा सके।

ईडी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा जांच में पाया गया कि संजय भंडारी ने विदेशी विनिमय नियमों के उल्लंघन में भारत के बाहर 150 करोड़ रुपये से अधिक की चल / अचल संपत्ति अर्जित की है। ईडी की जांच रिपोर्ट में, भंडारी को यूएई में शामिल कई कंपनियों के मालिक के रूप में नामित किया गया है – ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन एफजेडसी, सेंटेक इंटरनेशनल एफजेडसी, सेरा ड्यूस टेक्नोलॉजीज, पेट्रो ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एफजेडसी – दुबई में एक फ्लैट और दो फ्लैटों के अलावा लंदन में ब्रायनस्टन स्क्वायर में। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि इन सभी संपत्तियों को कथित तौर पर वाड्रा के सहयोगियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

हाल ही में, ईडी ने उनके खिलाफ पिलाटस एयरक्राफ्ट सौदे में एक मामला दर्ज किया, जहां उसने कहा था कि उसने भंडारी के ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस एफजेडसी के दुबई खातों में स्थानांतरित 310 करोड़ रुपये की कथित किकबैक का पता लगाया है। वाड्रा से पहले ईडी ने लंदन के फ्लैट के बारे में पूछताछ की है, जिसे भंडारी ने ब्रायनस्टन स्क्वायर के साथ-साथ दुबई और यूके की अन्य संपत्तियों में खरीदा था।

जानें पूरा मामला
विदेशी संपत्ति और कंपनियों का भंडारी ने भारत में आयकर अधिकारियों के समक्ष खुलासा नहीं किया। ईडी ने भंडारी और अन्य के खिलाफ फरवरी 2017 में धन शोधन का मामला दर्ज किया था। 2015 में काला धनरोधी कानून के तहत उसके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दाखिल एक आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया गया था। वहीं, सीबीआई, आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस भी भ्रष्टाचार के आरोपों और कर चोरी की जांच कर रही है।

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