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अनुच्छेद 370 की वापसी या नही आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएंगी फैसला, इससे पहले जम्मू कश्मीर में कड़ी सुरक्षा

नई दिल्‍ली (New Dehli) । जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir)में अनुच्छेद 370 की वापसी (Return)होगी या नहीं, आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)की बेंच इस मामले में फैसला (Decision)सुनाने वाली है। देश की सर्वोच्च अदालत 2019 के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला लेगी। अनुच्छेद 370 के जरिए संविधान में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। जिसे मोदी सरकार ने संविधान संशोधन के साथ हटा दिया। सोमवार को आने वाले इस अहम फैसले से पहले, जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखा जा रही है। अफवाहों और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले पांच यूजर्स के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा चुका है। उधर, फैसले से पहले जे एंड के पुलिस के ऐक्शन से पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती तिलमिलाई हुई हैं।


जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हम संवेदनशील इलाकों में अधिक से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर रहे हैं और सोशल मीडिया गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। “हमने पहले ही कुछ जांच चौकियां स्थापित कर दी हैं और वाहनों और यात्रियों की जांच की जा रही है।” शुक्रवार शाम को कानून एवं व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने फैसले के किसी भी नकारात्मक परिणाम की योजना बनाने के लिए एक विशेष सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें शीर्ष पुलिस और खुफिया अधिकारी शामिल हुए।

सड़क से इंटरनेट पर कड़ी नजर

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “सभी जिला प्रमुखों को स्थिति पर नजर रखने और शरारत, गलत सूचना और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्स कार्रवाई करने पर जोर दिया जा रहा है।”

भड़काऊ पोस्ट पर पांच के खिलाफ मुकदमा

बैठक के एक दिन बाद पांच सोशल मीडिया यूजर्स पर मामला दर्ज किया गया। हालांकि, पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि पोस्ट में क्या था? लेकिन, बडगाम और गांदरबल जिलों में दो-दो और बारामूल से एक शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस के ऐक्शन से तिलमिलाई महबूबा मुफ्ती

इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सूची मांग रही है। उन्होंने कहा, “मैं जो सुन रही हूं वह यह है कि पुलिस स्टेशनों के माध्यम से हमारे कार्यकर्ताओं की सूची मांगी जा रही है। मैं सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहती हूं कि आपकी जिम्मेदारी भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाने की नहीं बल्कि देश की अखंडता के प्रति है।”

वहीं, पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने से दो दिन पहले, जम्मू कश्मीर पुलिस ने ‘सोशल मीडिया पर शरारत करने वालों’ और ‘शांति भंग करने वालों’ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की घोषणा की। ऐसा लगता है कि उन्हें फैसले के बारे में पहले से ही पता है।”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 के केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 2 अगस्त से मामले में दैनिक सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद 5 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाली है।

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