ताइपे। चीन द्वारा लगातार ताइवान के खिलाफ आक्रामकता का प्रदर्शन किया जा रहा है। हाल ही में भी चीन के 31 विमान ताइवान की सीमा के नजदीक उड़ान भरते देखे गए। चीन के आक्रामक रुख के जवाब में अब ताइवान ने भी अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है। इसी के तहत ताइवान की सेना ने सोमवार को अपना पहला लाइव फायरिंग टेस्ट किया। अमेरिका से सप्लाई किए गए हाई मोबिलिटी आर्टिलियरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) का ताइवान ने सफल परीक्षण किया।
ताइवानी सेना की 58वीं आर्टिलरी कमांड ने मनझोउ टाउनशिप के जिउपेंग बेस पर यह परीक्षण किया। एचआईएमएआरएस रॉकेट सिस्टम के एक पॉड में छह रॉकेट या एक आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम से लैस किए जा सकते हैं। इस आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम की रेंज 300 किलोमीटर है। 11 लॉन्च व्हीकल से 33 रॉकेट फायर किए जा सकते हैं। हालांकि ताइवान की सेना ने ड्रिल को लेकर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की।
परीक्षण करने वाली कमांड के अधिकारी कर्नल हो ची चुंग ने बताया कि परीक्षण के दौरान रॉकेट सिस्टम बनाने वाली अमेरिकी कंपनी के अधिकारी भी मौजूद रहे और उन्होंने ताइवानी सेना को तकनीकी मदद मुहैया कराई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताइवान ने अमेरिका से 29 HIMARS रॉकेट सिस्टम खरीदे थे, जिनमें से 11 साल 2024 में ताइवान को मिल चुके हैं और बाकी 18 के साल 2027 में डिलीवर होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि ताइवान ने रॉकेट सिस्टम का परीक्षण ऐसे समय में किया है, जब चीन द्वारा ताइवान के खिलाफ लगातार आक्रामक व्यवहार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि रॉकेट सिस्टम के परीक्षण से ताइवान ने चीन को एक संदेश देने की कोशिश की है। इससे पहले अप्रैल में पैसिफिक फोरम की 50वीं वर्षगांठ पर यूएस इंडो पैसिफिक कमांड के पूर्व चीफ एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा था कि चीन, ताइवान पर दबाव बढ़ा रहा है और ऐसे वक्त में अमेरिका को खुलकर ताइवान का समर्थन करना चाहिए।
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