मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ाने (increasing agricultural production, ) के साथ निर्यात (exports) को भी बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अधिक मुनाफा देने वाली फसलों के उत्पादन को विविधीकरण के माध्यम से बढ़ाने के प्रयास हो। किसानों को कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में किसी भी प्रकार का नुकसान न हो, इसका ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने यह निर्देश गुरुवार शाम को अपने निवास पर कृषि एवं उद्यानिकी से संबंधित फसलों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
फसलों के विविधीकरण के लिए चलाएं अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए विविधीकरण द्वारा वैकल्पिक फसलों के लिए किसानों को प्रेरित करें। इसके लिए अभियान चलाकर प्रयास करें और किसानों को प्रशिक्षित भी करें। फसलों के विविधीकरण में किसानों को यदि किसी प्रकार की दिक्कतें आती हैं तो उसका समाधान भी करें। उन्होंने कहा कि कम पानी से पैदा होने वाली फसलों के प्रति किसानों को समझाइश दें।
जैविक खेती एवं डेयरी उत्पादों को बढ़ावा दें
चौहान ने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अधिकाधिक प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि फसलों में गुणवत्ता बनी रहे, जिससे किसानों को अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने डेयरी उत्पाद एवं दूध से बने पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने के लिए भी अधिकरियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चंदन की खेती के लिए सम्भावनाएं तलाशने और इसके लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान और गेहूं का उत्पादन बेहतर है। इसी तरह मोटे अनाजों के उत्पादन के रकबे को भी बढ़ाया जाए। उन्होंने मोटे अनाज और कोदो-कुटकी के अधिकाधिक उत्पादन एवं ब्रांडिंग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बासमती चावल के निर्यात को उच्चतम स्तर तक ले जाएं। बालाघाट के चिन्नोर किस्म के जीआई चावल के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए। अगर एवं बम्बू की खेती को प्रोत्साहित किया जाए।
खाद की वितरण व्यवस्था बेहतर हो
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। केंद्र से समय-समय पर खाद की रैक प्रदेश को प्राप्त हो रही है। किसानों को इसका वितरण बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जाए। वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए।
कृषि निर्यात नीति का क्रियान्वयन
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कृषि निर्यात नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समिति का गठन कर लिया गया है। कृषि निर्यात प्रोत्साहन के लिए मंडी बोर्ड को नोडल एजेंसी घोषित किया गया है। कृषि निर्यातक अनाज, दलहन, हरी मिर्च और सब्जियों के रूप में कम्पनियां पंजीकृत कर ली गई हैं। गेहूं, सोयाबीन, कोदो-कुटकी, केला, संतरा, मिर्च, लहसुन की कृषि मूल्य श्रृंखला का विश्लेषण कर निर्यात की संभावनाओं का आंकलन किया जा रहा है। (एजेंसी, हि.स.)