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सेना ने किया खुलासा: पकड़ा गया पाकिस्तान से आया आतंकी, दस दिन में घुसपैठ की तीन साजिशें नाकाम

जम्मू। उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर उड़ी सेक्टर में सेना ने पाकिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। पकड़े गए आतंकी की पहचान बाबर के रूप में हुई है। आतंकी के पास से एक एके-47 राइफल, दो ग्रेनेड एक रेडियो सेट बरामद हुआ है। उसकी उम्र 19 साल है। 26 सितंबर को एक आतंकी मारा भी गया था। घुसपैठ की इन साजिशों ने एक बार फिर एलओसी पर पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश किया है। ये बातें मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स जीओसी, 19 डिविजन ने कहीं।

नौ दिनों तक आतंकियों के खिलाफ चला ऑपरेशन
उन्होंने बताया कि उड़ी में एलओसी पर नौ दिनों तक आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया। आतंकी घुसपैठ की जानकारी मिलने पर यह ऑपरेशन 18 सितंबर को शुरू किया गया था। इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ हुई। दो आतंकी भारतीय सीमा में थे जबकि चार आतंकी सीमा पार थे। जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की तरफ के चार आतंकी वापस चले गए।

मुजफ्फराबाद की आतंकी पाठशाला में दिया गया था प्रशिक्षण
बताया कि सीमा में घुसपैठ करने वाले दो आतंकवादियों को घेरने के लिए सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला। 25 सितंबर को एक मुठभेड़ हुई, जिसमें एक आतंकवादी को मार गिराया गया, जबकि दूसरा पकड़ा गया। जिसने अपना नाम अली बाबर बताया है। उसने स्वीकार किया है कि वह लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है और मुजफ्फराबाद में उसे प्रशिक्षित किया गया था।


पाकिस्तानी सेना के जवान देते थे आतंकी को प्रशिक्षण
आतंकवादी अली बाबर ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसके छह आतंकवादियों का समूह मुख्य रूप से पाकिस्तानी पंजाब का था। उसने कहा कि गरीबी के कारण उसे गुमराह किया गया। इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने के लिए लालच दिया गया। मां के इलाज के लिए 20 हजार रुपये आतंकियों की ओर से दिए गए। साथ ही 30 हजार रुपये देने का वादा भी किया गया। हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने वालों में अधिकांश पाकिस्तानी सेना के जवान थे। आतंकी ने बताया कि उसे इस्लाम और मुसलमान के नाम पर उकसाया गया, साथ ही आतंकवादी बनने पर मजबूर किया गया।

हर साजिश से निपटने के लिए तैयार हैं हम, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं- सेना
उड़ी सेक्टर में आतंकी घुसपैठ को लेकर सोमवार को सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडेय ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सेना इस तरह की साजिशों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

बारामुला के बोनियार में उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को एलओसी पर स्थिति के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। सेना एलओसी पर या भीतरी इलाकों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सतर्क और तैयार है। कश्मीर के लोग अलगाववादियों के खेल को समझ गए हैं और पूरे क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है। पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है और होटलों में बुकिंग भी अच्छी है।

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