सीहोर: भारत देश (India Country) में ऐसी कई तरह की अदालते लगाई जाती है, जिनके बारे में जानकर लोग अचरज में पड़ जाते हैं. ऐसी ही अदालत लगती है मध्य प्रदेश के सिहोर जिले (Sehore district of Madhya Pradesh) में, जहां सांपों की पेशी (snake muscle) होती है और उनसे वचन लिया जाता है. सांपो का ये अनोखी अदालत लगती है सिहोर जिले के ग्राम लसूडिया परिहार (Village Lasudia Parihar) में, जहां सर्पदंश से पीड़ित लोगों का इलाज विशेष मंत्रों द्वारा किया जाता है. इस अदालत का आयोजन दिवाली के दूसरे दिन किया जाता है. इसमें इलाके से काफी लोग इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं.
लसूडिया परिहार सीहोर से लगभग 8 किलोमीटर दूर है. ये स्थान सिद्ध है. यहां आने से सर्पदंश से पीड़ित लोगों को आराम मिलता है. जिस व्यक्ति को सर्प ने काट लिया उसका इलाज यहां विशेष पंडितों द्वारा मंत्र पढ़कर किया जाता है. कहा जाता है कि सर्पदंश पीड़ित लोगों का विशेष मंत्रों से इलाज के लिए दीपावली के दूसरे यानी पड़वा पर सांपों की अदालत में पेशी के लिए बुलाया जाता है. यहां हनुमान जी के सामने एक विशेष वाद्य यंत्र बजाकर पीड़ित व्यक्ति के शरीर में उस सर्प की आत्मा को बुलाया जाता है जिसने उसे काटा था.
कहा जाता है कि जब सांप की आत्म उस व्यक्ति में आ जाती है तो उस सर्प से उसको काटने का कारण पूछा जाता है और उससे यह वचन लिया जाता है कि वह कभी भी उसे नहीं काटेगा. इस साल भी सीहोर की इस अद्भुत अदालत में कई सर्पदंश से पीड़ित लोग पहुंचे. यहां पहुंची यादव परिवार की मुन्नी बाई को अब तक एक ही सर्प द्वारा आठ बार काटा जा चुका है, मुन्नी बाई को जब-जब सर्प ने काटा है उनके परिवार वाले उनको झाड़-फूंक कराने रसूलिया परिहार किसी मंदिर पर लेकर आते हैं. बताया जा रहा है कि इस साल सांप से उन्हें काटने का कारण पूछ लिया गया है.
दावा किया जाता है कि यह परंपरा लगभग सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है. यहां पर दर्जनों लोग ऐसे हैं, जो भरणी नाम के मंत्र को जानते हैं. यह भरणी नाम का मंत्र विशेषकर सर्पदंश पीड़ितों का इलाज करने के लिए पढ़ा जाता है. सीहोर के इस गांव में लगने वाली सांपों की इस अदालत को आस्था कहे या अंधविश्वास यह तो जांच का विषय है. परंतु सांपों की अदालत पिछले कई सैकड़ों बरसो से अचरज का विषय जरूर बनी हुई है.
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