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दलित छात्र का हुआ अंतिम संस्‍कार, भीम आर्मी के समर्थकों पर पुलिस ने भांजी लाठियां

जालोर । नौ साल के दलित छात्र की मौत (student death) के मामले को लेकर भीम आर्मी (Bhim Army) के समर्थकों ने रविवार दोपहर पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी जमकर लाठियां फटकारीं (fired sticks)। लाठीचार्ज में मृतक छात्र के मामा समेत 5-6 लोगों को चोटें आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियां खड़ी कर गांव का रास्ता ब्लॉक कर दिया है। मामला बिगड़ने की आशंका के चलते प्रशासन ने अगले आदेश तक सुबह से ही जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख के मुआवजे की घोषणा की जा चुकी है। वहीं कलेक्टर ने 4 लाख की सहायता राशि की स्वीकृति दी है।

रविवार को छात्र का शव गांव पहुंचा। घर के आंगन में शव रखकर प्रशासन के साथ बात चल रही थी। परिजनों ने 50 लाख मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की। इस दौरान भीम आर्मी के लोगों ने कहा कि इसको लेकर मुख्यमंत्री अभी ट्वीट करें, जब हम ट्वीट देखेंगे तभी शव उठाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इसका एक प्रोसेस है। इस दौरान माहौल गर्मा गया और धक्का-मुक्की हो गई। तभी कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। पुलिस ने मृतक के परिजनों को छोड़कर सभी रिश्तेदारों को घर से बाहर निकाल दिया। शाम करीब साढ़े सात बजे परिवार वालों से मुआवजे पर सहमति बनी और इंद्र का अंतिम संस्कार किया गया।


मामला जालोर के सायला इलाके के सुराणा गांव स्थित सरस्वती स्कूल का है। आरोप है कि 20 जुलाई को छैल सिंह ने इंद्र को इतना मारा कि कान के पास गंभीर चोटें आईं। वह कराहते हुए घर पहुंचा और पूरा मामला परिवार वालों को बताया। इसके बाद पिता और अन्य परिवार वाले उसे हॉस्पिटल लेकर भागे। बागोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर में इलाज कराया था। इसके बाद बच्चे को अहमदाबाद ले गए। वहां 24 दिन इलाज कराने के बाद 13 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे इंद्र कुमार ने दम तोड़ दिया।

थानाधिकारी ध्रुव प्रसाद ने बताया कि छैल सिंह के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी बैरवा भी सोमवार को पीड़ित के परिजनों से मिलने जालोर के सुराणा गांव जाएंगे।

गांव के सरस्वती स्कूल के टीचर गटाराम मेघवाल ने बताया कि वह पिछले 5-6 साल से इस स्कूल में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कभी भी यहां पर जातिगत भेदभाव नहीं देखा। गटाराम ने बताया कि पानी की व्यवस्था के लिए एक टंकी लगी है, वहीं पर सब पानी पीते हैं। इंद्र कुमार के पिता देवाराम मेघवाल ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उसने कहा कि सुराणा गांव में सरस्वती स्कूल में छैल सिंह के पास मेरा लड़का इंद्र कुमार पढ़ने जाता था। उसके मटकी में से पानी पीने पर जातिवाद कर शिक्षक ने कान पर थप्पड़ मारा, जिससे उसके सिर में हेमरेज होकर नाड़ी ब्लॉक हो गई। बच्चे की पिटाई के बाद तबीयत बिगड़ने पर उसके पिता देवाराम और स्कूल हेड मास्टर छैल सिंह का ऑडियो भी सामने आया है। इसमें टीचर अपनी गलती मान रहा है और इलाज का खर्च देने की बात कर रहा है। एजेंसी/हिस

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