विदेश

फ्रांसीसी द्वीप पर जमकर हो रही हिंसा, लगा आपातकाल, जानिए इसके पीछे कौन?


पेरिस: फ्रांस (france) ने अजरबैजान (azerbaijan) पर उसके पैसिफिक आइलैंड, न्यू कैलेडोनिया (new caledonia) की राजनीति (Politics) में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। फ्रांस ने न्यू कैलेडोनिया में हुए हिंसक प्रदर्शनों और कई लोगों की मौतों के बाद ये आरोप लगाया है। न्यू कैलेडोनिया में बिगड़ते हालात को देखते हुए आपातकाल (emergency) की घोषणा की गई है। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन की ओर से ये आरोप लगाए गए हैं, जिनका अजरबैजान ने तुरंत ही खंडन किया है। फ्रांस और अजरबैजान के बीच रिश्ते कुछ समय से तनावपूर्ण हैं। फ्रांस ने अजरबैजान के दुशमन आर्मीनिया को हथियार भी मुहैया कराए हैं। ऐसे में इसे अजरबैजान के बदले की तरह देखा जा रहा है, हालांकि उसने सीधे तौर पर हस्तक्षेप की बात को नकारा है।


फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया और फिजी के बीच स्थित फ्रांसीसी उपनिवेश, न्यू कैलेडोनिया में हाल के समय में हुई हिंसा के पीछे मतदान को लेकर एक नया नियम है। इस नए मतदान नियम को मंजूरी देने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके बारे में फ्रांस से अलग होने के हिमायती न्यू कैलेडोनिया के लोगों का दावा है कि यह मूल कनक लोगों के खिलाफ भेदभाव करता है।

फ्रांस का चीन और रूस पर भी आरोप
फ्रांस के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने अजरबैजान, चीन और रूस के न्यू कैलेडोनिया में हस्तक्षेप के सवाल पर कहा कि यह कोई कल्पना नहीं बल्कि एत वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि कैलेडोनिया स्वतंत्रता समर्थक कुछ नेताओं ने अजरबैजान के साथ एक समझौता किया है लेकिन फ्रांस अपने क्षेत्र पर पूरी तरह से नियंत्रण रखता है। अजरबैजान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अहान हाजीजादेह ने इस पर कहा कि हम फ्रांस निराधार आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। हम कैलेडोनिया में आजादी के समर्थक नेताओं और अजरबैजान के बीच किसी भी संबंध का खंडन करते हैं।

फ्रांस और अजरबैजान के बीच बीते कुछ सालों से तनाव है। खासतैर से अजरबैजान के जातीय अर्मेनियाई अलगाववादियों से अलग हुए नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश के बाद ये बढ़ा है। फ्रांस आर्मेनिया का पारंपरिक सहयोगी रहा है। आर्मीनिया और अजरबैजान पड़ोसी और ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। ऐसे में फ्रांस और अजरबैजान में तनातनी देखने को मिलती रही है।

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