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ये हैं राजौरी एनकाउंटर के 5 शहीद जवान, जिन्होंने देश की खातिर कुर्बान कर दी अपनी जान

राजौरी: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पांच जवानों को केंद्र शासित प्रदेश के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, सेना के अधिकारियों और पुलिस ने शुक्रवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. पांचों जवानों के पार्थिव शरीर राजौरी से जम्मू के आर्मी जनरल अस्पताल लाये गये, जहां पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया.

उपराज्यपाल सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी, मुख्य सचिव डॉ. ए.के. मेहता, पुलिस महानिदेशक आर.आर. स्वैन, मंडल आयुक्त रमेश कुमार और पुलिस महानिरीक्षक आनंद जैन समेत बड़ी संख्या में मौजूद सशस्त्र बलों के अधिकारियों, नागरिकों और पुलिस ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ सेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी.

शहीद कैप्टन एमवी प्रांजल- आतंकियों से मुकाबला करते हुए कैप्टन एम वी प्रांजल (63 राष्ट्रीय राइफल्स) शहीद हो गए. प्रांजल मूल रूप से कर्नाटक के मंगलोर के रहने वाले थे. कैप्टन प्रांजल के परिवार में उनकी पत्नी अदिति हैं.

शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता- राजौरी में हुए एनकाउंटर में कैप्टन शुभम गुप्ता (9 पैरा) ने अपनी जान न्योछावर कर दी. कैप्टन शुभम उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले थे. कैप्टन गुप्ता के परिवार में उनके पिता बसंत कुमार गुप्ता हैं.


हवलदार अब्दुल माजिद- राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अब्दुल माजिद शहीद हो गए. अब्दुल माजिद पुंछ के रहने वाले थे. हवलदार माजिद के परिवार में उनकी पत्नी सगेरा बी. और तीन बच्चे हैं.

लांस नायक संजय बिष्ट- उत्तराखंड के नैनीताल रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट शहीद जवानों में शामिल हैं. लांस नायक बिष्ट के परिवार में मां मंजू देवी हैं.

सचिन लौर- राजौरी एनकाउंटर में शहीद हुए जवानों में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर भी हैं. अधिकारियों ने कहा कि तिरंगे में लिपटे, सेना के शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए जम्मू से उनके पैतृक स्थानों पर हवाई मार्ग से ले जाया जाएगा. राट्रूपर लौर के परिवार में उनकी मां भगवती देवी हैं.

राजौरी मुठभेड़ के बाद उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का कहना है, “हमने अपने सेना के जवानों को खोया है लेकिन हमने आतंकवादियों को खत्म कर दिया है. हमारे बहादुर सैनिकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना प्रशिक्षित विदेशी आतंकवादियों को खत्म करने का काम किया है. यह एक बड़ी बात है. आतंकवादियों के इको-सिस्टम और पाकिस्तान के लिए झटका है. क्षेत्र में 20-25 आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं. हमें एक वर्ष के समय में स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम होना चाहिए.”

दरमसाल के बाजीमल इलाके में बुधवार और बृहस्पतिवार को सुरक्षा बलों के साथ 36 घंटे तक चली मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी मारे गये। इस दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैनिक भी शहीद हो गये.

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