दोनों पदों पर सीधा संघर्ष
कांग्रेस (Congress) द्वारा लागू की गई नवसृजन की योजना में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक (supervisor) इंदौर (Indore) शहर और इंदौर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सभी की राय जानकर लौट चुके हैं। दावेदारों के नाम भी सभी के सामने स्पष्ट हो चुके हैं। दिल्ली के पर्यवेक्षकों को हर पद के लिए पांच नाम का पैनल बना कर देना है। इस पैनल में सबसे ज्यादा लोकप्रिय दावेदार के साथ ही जातिगत गणित के हिसाब से भी दावेदारों के नाम देना है। अब जो स्थिति बनी है, उसमें शहर अध्यक्ष पद के लिए दीपू यादव और राजू भदोरिया आमने-सामने है तो जिला अध्यक्ष पद के लिए राधेश्याम पटेल सबसे आगे हैं और उसके बाद में रीना बोरासी का नाम है। इस तरह से दोनों पदों पर सीधा मुकाबला के हालात बन गए हैं। अब जिसका साथ भोपाल और दिल्ली देगा वह मीर बनेगा।
युवक कांग्रेस में पैसे का खेल
युवा कांग्रेस में 6 पद के लिए मतदान के साथ में सदस्यता अभियान भी शुरू हो गया है। यह पूरा चुनाव पैसे के खेल के रूप में परिवर्तित हो गया है। सदस्य बनने के लिए आपको हर सदस्य के 50 रुपए जमा कराना होंगे। फिर वह सदस्य 6 पदों पर मतदान कर सकेगा। जिसके पास जितना ज्यादा पैसा होगा, वह उतने ज्यादा सदस्य बनाएगा और जो ज्यादा सदस्य बनाएगा, वह चुनाव जीत जाएगा। तो ऐसे में चुनाव जीतने वाले के पास टीम हो या जनता में उसका आधार हो, इसकी कोई जरूरत ही नहीं रह जाती है। केवल पैसा हो तो वहां आसानी से चुनाव लडक़र जीत सकता है।
कादरी बन गए गले की हड्डी
कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी को निशाने पर लेने में भाजपा ने कहीं कोई चूक नहीं की है। पहले पुलिस में मुकदमा दर्ज हुआ, फिर भाजपा संगठन आक्रामक हुआ और अब महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मैदान में कूद गए। उन्होंने एक कदम आगे बढक़र संभाग आयुक्त को एक पत्र लिख दिया। इसके माध्यम से कादरी को पार्षद पद से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। यह मामला कांग्रेस के गले में हड्डी की तरह अटक गया है। इस समय कांग्रेस के सारे नेता इस मामले में बोलने से बच रहे हैं। बताते हैं कि अब कांग्रेस भी कादरी के पक्ष में मैदान संभाल कर आक्रामक होने की तैयारी में है। देखना है, कांग्रेस की तैयारी उसे कितना आक्रामक बना पाएगी।
राजनीति का शिकार हो गया योग
योग दिवस के मौके पर सारे शहर में नेताओं ने योग के कार्यक्रम का आयोजन किया। हर व्यक्ति अपनी राजनीति को योग के माध्यम से चमकना चाहता है। केंद्र सरकार का कार्यक्रम राजवाड़ा पर था। जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भेजा गया था। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 के अंतर्गत आने वाले गोपुर चौराहे पर कार्यक्रम रख लिया और आकर्षण के लिए फिल्म अभिनेत्री को बुला लिया। दोनों कार्यक्रम सुबह एक साथ एक ही समय पर थे। ऐसे में हुआ राजनीति का प्रवेश। राजवाड़ा के कार्यक्रम में 45 मिनट में से 20 मिनट योगा करके सिंधिया रवाना हो गए और पहुंच गए गोपुर चौराहा। बस वहां जाकर उन्होंने कुछ मिनट का योग किया और भाषण दे दिया। इस तरह से राजनीति में योग भी किस्तों में हो गया।
खामोश हो गए महापौर
नगर निगम द्वारा पिछले दिनों योजना क्रमांक 54 पीयू 4 में एक इमारत को पहले तोड़ा गया… फिर बम लगाकर उड़ा दिया गया… इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बयान दिया था कि निगम ने गलत कार्रवाई की है तो गलती करने वालों पर एक्शन लेना भी उनका ही काम है। जब इस काम की उन्हें याद दिलाई गई तो वह खामोश हो गए… अब नहीं कहते हैं कि निगम ने गलत कार्रवाई की है, बल्कि अब तो इस बारे में उन्होंने बात करना ही बंद कर दिया है।
काम की बात
नगर निगम के भाजपा के ही कुछ प्रभावशाली पार्षदों ने ताकत लगाई थी कि इस बार के तबादला के मौसम में महापौर और निगम आयुक्त के निजी सचिव का भोपाल से तबादला करवा दिया जाए। इन दोनों को दूसरे किसी दूर के शहर में भेज दिया जाए। सारी कोशिशें परवान चढ़ी, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका। अब क्या कहें नेता नगरी पर दो निजी सचिव भारी पड़ गए…
-डा. जितेन्द्र जाखेटिया
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