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यह जनता का बजट,मिशन मोड में शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और रोजगार के लिए होगा कार्य : शिवराज

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2021-22 का प्रदेश का बजट जनता का बजट है। यह केवल आँकड़ों का दस्तावेज नहीं अपितु प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं और जनता का प्रतीक है। यह जनता और सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के यज्ञ के मध्य लाये गये इस बजट को आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए जनता के सुझाव प्राप्त कर तैयार किया गया है। यह जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए निर्मित बजट है, जिसमें आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की तड़प साफ दिखाई देती है।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में पेश राज्य के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करेंगी। इसके लिए सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्रों में मिशन एप्रोच अपनाकर गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मिशन को एक्शन में बदलने वाले कार्यक्रम लागू होंगे।


बार-बार जमा नहीं कराने होंगे दस्तावेज
उन्होंने कहा कि आम आदमी को नागरिक सुविधाएँ संवेदनशीलता, पारदर्शिता और सहजता से समय-सीमा में प्राप्त हो यही सुशासन है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मिशन जनगण का संचालन होगा। लोक सेवा गारंटी कानून में संशोधन कर मान्य अनुमोदन (डीम्ड एप्रूवल) का प्रावधान किया गया है। अब चयनित सेवाएँ प्राप्त करने संबंधी आवेदन यदि तय समय-सीमा में निराकृत न हो तो नागरिकों को पोर्टल से स्वत: ऐसी सेवा या प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जाएंगे। इसी क्रम में एकत्व कार्यक्रम के अंतर्गत एकल नागरिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे शासकीय सेवाओं के लिए नागरिकों को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही परिचय कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त नागरिक सेवाओं को एकीकृत कर एक ही पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में भौतिक अधोसंरचना के लिए मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय संचालित किये जाएगे।

मिशन निर्माण में बनेंगे महापथ
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधोसंरचना का तेज गति से विकास आवश्यक है। इससे रोजगार के नये अवसर निर्मित होंगे और संतुलित क्षेत्रीय विकास संभव होगा। इस वित्तीय वर्ष के बजट में 2 हजार 441 किलोमीटर के नवीन सड़क कार्य तथा 65 नवीन पुल सम्मिलित है, साथ ही अधिक यातायात वाले सभी रेलवे फाटकों पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का लक्ष्य हैं। चंबल अंचल के विकास को गति देने के लिए अटल प्रोग्रेस-वे बनाये जाने की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। इन महापथों के निर्माण से रोजगार और व्यवसाय के बेहतर अवसर स्थानीय रूप से मिलेंगे। लोक निर्माण के बजट में 475 करोड़ रूपये का इजाफा किया गया है।

मिशन ग्रामोदय
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की लगभग 72 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च स्तर की अधोसंरचना उपलब्ध कराना तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न कर ग्रामीण आमदनी को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सामान्य क्षेत्र के 500 और आदिवासी क्षेत्र के 250 से अधिक आबादी की जो बसाहटें सड़क मार्ग से नहीं जुड़ी, उन्हें बारहमासी डामरीकृत सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है। आवास निर्माण, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण के लिए भी महत्वाकाँक्षी योजनाएँ हैं।

मिशन नगरोदय
भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को गति देने के लिए 262 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिए 1 हजार 500 करोड़ रुपये, सीवरेज और जलप्रदाय कार्यों के लिए एक हजार करोड़ और स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित शहरों के विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मिशन बोधि- 24 हजार से अधिक शिक्षकों की होगी भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा है कि शासकीय शालाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सी.एम. राइज स्कूल संचालित किये जाएंगे। इन स्कूलों में प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैब और विद्यार्थियों के आवागमन के लिए बस सुविधा होगी। प्रदेश में 9 हजार 200 विद्यालय विकसित करने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में 350 विद्यालयों का विकास किया जा रहा है, जिसके लिए वर्ष 2021-22 में एक हजार 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की नवीन भर्ती की जाएगी।

मिशन निरामय
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और प्रबंधन की गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए मिशन निरामय लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र के लिए वर्ष 2021-22 में 15 हजार 622 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। योग्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एम.बी.बी.एस. सीटों को 2,035 से बढ़ाकर 3,250 किया जाएगा। शीघ्र ही 23 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कार्यशील होंगे। प्रदेश के उप स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ परामर्श के लिए टेली मेडिसिन सेवाएँ उपलब्ध करायी जा रही है।

मिशन अर्थ
प्रदेश के विकास में हर नागरिक भागीदार बने, रोजगार के नये अवसर सृजित हो और अर्थ-व्यवस्था तेजी से आगे बढ़े इसके लिए मिशन अर्थ के अंतर्गत कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, खाद्य-प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य- विकास, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन तथा विमानन से जुड़ी गतिविधियों का सभंवित रूप से संचालन किया जाएगा। कृषि और संबंधित क्षेत्रों के कार्यों के लिए वर्ष 2021-22 में 35 हजार 353 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन राशि एक हजार 437 करोड़ रुपये की गई है।

मिशन दक्ष
स्थानीय अर्थ-व्यवस्था को संबंल देने और रोजगार के अतिरिक्त अवसर निर्मित करने के लिए तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अंधोसरचनात्मक सुधार किया जाएगा। ग्लोबल स्किल पार्क, आईटीआई, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों का उन्नयन प्रस्तावित है। (एजेंसी, हि.स.)

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