इंदौर। इस बार सोमवती पूर्णिमा विशेष संयोग में आ रही है। इस दिन विशाखा नक्षत्र और रवि योग बन रहा है, जिसमें स्नान दान का खासा महत्व है। पूर्णिमा तिथि पर कुर्म जयंती, भृगु जयंती और बुद्ध जयंती भी है।
सोमवती पूर्णिमा पर शहर के मंदिरों-मठों में कई आयोजन होंगे। पंचांग की गणना के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि सोमवार को आने से यह सोमवती पूर्णिमा कहलाती है। 12 मई को स्वाति नक्षत्र उपरांत विशाखा नक्षत्र की साक्षी में वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि आ रही है। पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र का योग अच्छा माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है।
सोमवती पूर्णिमा सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा का भी संयोग
सोमवती पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन बुद्ध पूर्णिमा का भी संयोग बन रहा है, जो इसे विशेष बनाता है। इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा और रवि योग में भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। पूर्णिमा तिथि सोमवार को पड़ रही है, इसलिए यह सोमवती पूर्णिमा कहलाती है। पूर्णिमा का दिन चंद्रमा के शुभ प्रभाव के कारण विशेष होता है और सोमवार भगवान शिव को समर्पित है।
कुर्म जयंती, भृगु जयंती, बुद्ध जयंती भी इसी दिन मनेगी
पंडित डब्बावाला ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर कुर्म जयंती, भृगु जयंती और बुद्ध जयंती का भी योग आता है। इन योगों के आने का तात्पर्य यह है कि इन्हें भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों का वर्णन माना जाता है। वैशाख मास में जल दान का विशेष महत्व है। इस दौरान पितृ तर्पण और पितरों के निमित्त पिंडदान अवश्य करना चाहिए, इससे पितरों की प्रसन्नता होती है।
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