नई दिल्ली। आज यानि 10 सितंबर 2021, दिन शुक्रवार को भगवान गणेश जी घर-घर विराजेंगे। भाद्रपद मास (Bhadrapada month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होने वाला गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का ये महापर्व इस बार कई शुभ संयोग के साथ लेकर आ रहा है। इन शुभ संयोग (good luck) में गणेश जी का पूजन करना सभी भक्तों के लिए अति मंगलकारी होगा।
6 ग्रहों का शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि गणेश चतुर्थी पर इस बार 6 ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है, जो व्यापारियों के लिए अतिलाभकारी होगा। चतुर्थी पर इस बार छह ग्रह अपनी श्रेष्ठ स्थिति में होंगे, जिसमें बुध कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, राहु वृषभ राशि में, शनि मकर राशि में, केतु वृश्चिक राशि तथा शनि मकर राशि में विद्यमान होंगे। ग्रहों की ये स्थिति कारोबार करने वाले जातकों के लिए शुभ है। व्यापारी वर्ग के मुनाफे में बढ़ोत्तरी होगा और शेयर बाजार में भी लाभ होगा।
बन रहा रवियोग
वहीं गणेश चतुर्थी पर इस बार रवियोग में पूजन होगा। लंबे समय बाद इस बार चतुर्थी पर चित्रा-स्वाति नक्षत्र के साथ रवि योग का संयोग बन रहा है। चित्रा नक्षत्र शाम 4.59 बजे तक रहेगा और इसके बाद स्वाति नक्षत्र लगेगा। वहीं 9 सितंबर दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर 12 बजकर 57 मिनट तक रवियोग रहेगा, जो कि उन्नति को दर्शा रहा है। इस शुभ योग में कोई भी नया काम और गणपति पूजा (ganpati puja) मंगलकारी होगी।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहुर्त मध्याह्न काल में है। वैसे तो तिथि की शुरुआत पूर्वाह्न 11:03 बजे से अपराह्न 1:33 बजे तक है, यानि पूजा का मुहूर्त दो घंटे 30 मिनट तक माना गया है। हालांकि इसका शुभ मुहूर्त अपराह्न 12:18 बजे से चतुर्थी तिथि की समाप्ति रात 9:57 बजे तक है।
पूजा विधि
गणेश पूजा के लिए भक्तों को चाहिए कि वे सूर्योदय के पहले स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ कपड़े पहन लें। उसके बाद गणेश के समक्ष बैठकर पूजा प्रारंभ करें। उनका गंगा जल से अभिषेक करें। अब उन्हें अक्षत, फूल, दूर्वा आदि अर्पित करें। उनके प्रिय चीज मोदक का भोग लगाएं। उसके बाद धूप, दीप और अगरवत्ती जलाकर उनकी आरती करें। अब गणेश जी के मन्त्रों का जाप करें। उसके बाद पुनः आरती कर पूजा समाप्त करें। Share: