नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के जलवायु प्रमुख (United Nations (UN) climate chief) साइमन स्टील (Simon Steele) ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत (India) के किए गए काम की तारीफ करते हुए सौर महाशक्ति (Solar superpower) करार दिया है। एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे स्टील ने भारत को देश की पूरी अर्थव्यवस्था को कवर करते हुए एक मजबूत जलवायु कार्ययोजना बनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत स्वच्छ ऊर्जा को और तेजी से अपनाए तो इससे उसकी आर्थिक वृद्धि को और भी अधिक रफ्तार मिलेगी।
जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए भारत की कोशिशों की सराहना करते हुए स्टील ने कहा कि जहां कुछ देश केवल बातें करते हैं, भारत उन्हें हकीकत में बदलता है। उन्होंने कहा भारत पहले से ही सौर महाशक्ति है। भारत उन चार देशों में से एक है, जिन्होंने 100 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा स्थापित की है। इसके अलावा यहां ऊर्जा की पहुंच बढ़ रही है। भारत ने 2018 तक सभी गांवों का विद्युतीकरण कर दिया था, जो तय समय से पहले पूरा हुआ और लाखों लोगों को बिजली मिली।
भारत के पास आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने का मौका
स्टील के मुताबिक, अब भारत के पास अगला बड़ा कदम उठाने का सुनहरा मौका है। अगर भारत स्वच्छ ऊर्जा को और तेजी से अपनाता है, तो इससे 1.4 अरब लोगों और अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा में आए उछाल को देखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) में और अधिक निवेश करने से उसकी आर्थिक वृद्धि और तेज हो सकती है।
हरित औद्योगीकरण का नेतृत्व करने की क्षमता
स्टील ने आगे कहा कि भारत के पास सैकड़ों गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का अनूठा अवसर है। इसके अलावा, भारत हरित औद्योगीकरण का नेतृत्व कर सकता है यानी कि वह नई पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का विकास, उत्पादन और निर्यात कर सकता है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की वजह से मजबूत जलवायु नीतियों का पूरा फायदा उठा सकता है।
सितंबर तक बढ़ी कार्ययोजना जमा करने की समय सीमा
पेरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्ययोजनाएं यूएनएफसीसीसी सचिवालय को देनी होती हैं। 2031-2035 के लिए देशों के इसे जमा करने की समय सीमा 10 फरवरी थी, लेकिन कई देशों जिनमें भारत भी शामिल है, ने अब तक अपनी योजनाएं जमा नहीं की हैं। स्टील ने सभी देशों से सितंबर तक अपनी जलवायु योजनाएं पेश करने को कहा है।
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