मनोरंजन

कचहरी में टाइपिंग करते-करते गुनगुनाते थे, बन गए गीतकार


आज के दिन कवि गीतकार नीरज ने दुनिया को अलविदा कह दिया था
गोपालदास नीरज के पिता मात्र 6 वर्ष की आयु में गुजऱ गए थे। उन्होंने एटा से हाई स्कूल परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। फिर कचहरी में आमदनी के लिए टाइपिस्ट का काम करने लगे वे टाइपिंग करते हुए गुनगुनाते और ग्राहकों को शेर शायरी भी सुनाते किस्तम बदलीं ओर नीरज देश के बड़े गीतकार व कवि बने। वर्षों तक देश-विदेश के कवि सम्मेलनों पर भी नीरज का एक क्षत्र कब्जा कायम रहा।
आज ही के दिन 19 जुलाई 2018 को नीरज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। टाइपिस्ट की नौकरी नौकरी छूट जाने पर कानपुर के डी.ए.वी. कॉलेज में क्लर्की की। नौकरी करने के साथ-साथ प्राइवेट परीक्षाएं देते हुए इंटरमीडिएट, बी.ए. और 1953 में प्रथम श्रेणी में हिन्दी साहित्य से एम.ए. की डिग्री हासिल की। फिर मुंबई आ गए लिखे जो ख़त तुझे… ए भाई जऱा देख के चलो… दिल आज शायर है… फूलों के रंग से और मेघा छाए आधी रात… जैसे सदाबहार नग्मों के रचनाकार नीरज का मानना है की सचिन देव बर्मन के संगीत ने इन गीतों को यादगार बनाया। इसी वजह से देश-विदेश में मेरे गीतों की रॉयल्टी बढ़ गई थी। देवानंद के अभिनय से सजी फि़ल्म गैम्बलर के लिए नीरज का लिखा गीत सदाबहार गायक किशोर कुमार की आवाज़ में दिल आज शायर है… गम आज नगमा है… बहुत हिट हुआ था। फि़ल्मों में गीत लेखन के लिए नीरज को 70 के दशक में तीन बार फि़ल्म फेयर पुरस्कार से नवाज़ा गया। 1970 में गीत काल का पहिया घूमे रे… फि़ल्म श्चन्दा और बिजली के लिए 1971 में फि़ल्म पहचान के बस एक अपराध मैं हर बार करता हूँ… के लिए और 1972 में फि़ल्म मेरा नाम जोक… ए भाई जरा देख के चलो… के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार। इसके अलावा विश्व उर्दू पुरस्कारए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 1994 में यश भारती पुरस्कारए 1991 पद्मश्री और 2007 में पद्म भूषण सम्मान से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
अंतिम समय में बीमारी से परेशान थे, इच्छा मृत्यु के लिए लिखा था पत्र
पद्मभूषण और महाकवि गोपाल दास नीरज ने अपने निधन से एक सप्ताह पहले इच्छा मृत्यु की मांग की थी। अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट को लिखे खत में कवि ने 11 जुलाई को इच्छा जाहिर की थी कि वह अपने शरीर से आत्मा को मुक्तकरना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि लगातार बीमारी की वजह से उनका शरीर बोझ बन गया है। अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट चंद्र भूषण ने कहा था कि उन्हें कवि की ओर से इच्छा मृत्यु का खत मिला था।

Share:

Next Post

किसान एयर कार्गो से भेजेंगे फल-सब्जी तो आधा ही लगेगा किराया

Sun Jul 19 , 2020
– इन्दौर से एयर कार्गो के लिए केन्द्र सरकार की योजना के साथ-साथ मिलेंगी कई तरह की सुविधाएं इन्दौर। इन्दौर और आसपास के गांवों के किसान अगर फल-सब्जी का एक्सपोर्ट करते हैं तो केन्द्र सरकार की योजना के तहत उन्हें केवल आधा किराया ही देना पड़ेगा। यही नहीं, जिस एयरपोर्ट से ये एक्सपोर्ट होगा वहां […]