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दिल्ली जल बोर्ड में खाली पदों को एक सप्‍ताहमें भरा जाए – दिल्ली की मंत्री आतिशी


नई दिल्ली । दिल्ली की मंत्री आतिशी (Delhi Minister Atishi) ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में (In Delhi Jal Board) खाली पदों (Vacant Posts) को एक सप्‍ताह में (Within A Week) भरा जाए (Should be Filled) । आतिशी ने रविवार को मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में दिल्ली जल बोर्ड में जल और जल निकासी सदस्यों की नियुक्ति न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्‍होंने एक सप्‍ताह के भीतर डीजेबी में खाली पदों को भरने को कहा।


दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आतिशी ने कहा कि डीजेबी राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए महत्वपूर्ण नागरिक उपयोगिता है, क्योंकि यह पानी और सीवरेज सुविधाओं के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने अपने पत्र में कहा,जल आपूर्ति के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार सबसे वरिष्ठ अधिकारी सदस्य (जल) है और सीवरेज नेटवर्क के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार सबसे वरिष्ठ अधिकारी सदस्य (ड्रेनेज) है। लेकिन यह गंभीर चिंता का विषय है कि वर्तमान में उनके पद खाली हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सदस्यों ने अक्टूबर के मध्य में अपना कार्यकाल समाप्त कर लिया है और कोई अंतरिम या स्थायी सदस्य नियुक्त नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा, यह बिल्कुल चौंकाने वाला है कि डीजेबी को सबसे वरिष्ठ तकनीकी सदस्यों से वंचित रखा गया है। इसका मतलब है कि कई परियोजनाएं रुक गई हैं, क्योंकि तकनीकी मंजूरी केवल इन तकनीकी सदस्यों द्वारा ही दी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि दो नए सदस्यों की भर्ती के लिए फाइलें दो महीनों से डीजेबी, शहरी विकास विभाग और सेवा विभाग के बीच घूम रही हैं।
आतिशी ने कहा, दोनों संबंधित मंत्रियों – जल और शहरी विकास – को यह दावा करते हुए अंधेरे में रखा गया है कि यह ‘सेवा’ का मामला है और इसलिए निर्वाचित सरकार के दायरे से बाहर है। उन्होंने आगे कहा कि तीन महीने से अधिक समय से कोई पूर्णकालिक सदस्य (वित्त) नहीं है, क्योंकि मौजूदा सदस्य चिकित्सा अवकाश पर हैं। मंत्री ने कहा, सदस्य (प्रशासन) कई महीनों के लिए सदस्य (वित्त) का अतिरिक्त प्रभार सौंप रहा है।

आतिशी ने कहा,अगर डीजेबी को वरिष्ठ प्रशासकों के बिना रखा गया है, तो वह दिल्ली के लोगों को पानी और सीवरेज की सुविधाएं कैसे प्रदान करेगा? सबसे बुरी स्थिति में यह डीजेबी को ठप करने की एक साजिश की तरह लगता है। यह दिल्ली के लोगों के प्रति सरासर संवेदनहीनता है। मुख्य सचिव को सभी संबंधित हितधारकों – डीजेबी, शहरी विकास विभाग और सेवा विभाग – के बीच समन्वय करने का निर्देश दिया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड में सात द‍िन के भीतर एक पूर्णकालिक सदस्य (जल), सदस्य (ड्रेनेज) और सदस्य (वित्त) हो।

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