डेस्क: हाल ही में वैज्ञानिकों (Scientists) ने पृथ्वी (Earth) से काफी दूर ब्रह्मांड (Universe) में पानी (Water) के भंडार की खोज है. वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक नए तारे की खोज की है. यह अभी अपने युवावस्था में है. उनका मानना है इसके चारों ओर गैस और धूल का एक बहुत विशाल डिस्क बना हुआ है. यह ठीक उसी प्रकार से है जैसे धरती 4.5 बिलियन वर्ष पूर्व अपने बनने के क्रम में थी. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर सबकुछ सही रहा तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा.
वैज्ञानिकों ने इस तारे का नाम एचएल टौरी दिया है. यह धरती से 450 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके चारों ओर एक विशाल मात्रा में जलवाष्प देखी गई है. यह जलवाष्प धरती पर मौजूद सभी महासागरों के आयतन से तीन गुना है. आपको बताते चलें कि नासा के वैज्ञानिकों ने एएलएमए नाम के दूरबिन के प्रयोग से देखा है.
मिलान विश्वविद्यालय के खगोल वैज्ञानिक और अध्ययन के टीम हेड ने इस नए खोज के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम उसी क्षेत्र में जल वाष्प के महासागरों की तस्वीर ले सकते हैं, जहां ग्रह बनने की संभावना है.’ नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित शोध के अनुसार, जल वाष्प की मात्रा ग्रह के निर्माण के बाद उसके रहने योग्य होने की संभावनाओं को बढ़ा सकती है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, एचएल टौरी के आसपास भारी मात्रा में मौजूद जलवाष्प नए ग्रहों के जन्म के लिए भी अनुकूल हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ये जलवाष्प की परिस्थिति 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी के निर्माण के समय की परिस्थितियों से बहुत हद तक मिलती-जुलती है. इस ग्रह वाले भाग में जलवाष्प के महासागर को देखते हुए फचिनी ने कहा, ‘हमारी हाल की तस्वीरों से कुछ नई जानकारियां मिली हैं. पर्याप्त मात्रा में जलवाष्प के मध्य एक गैप भी है. ऐसा अनुमान है कि यहां एक अन्य ग्रह का निर्माण हो सकता है.
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