जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष

कब है योगिनी एकादशी व्रत? यहां जाने तिथि, मुहूर्त व पूजा विधि

नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदू परंपरा में योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के व्रत का बहुत बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Lord Vishnu and Mother Lakshmi) शीघ्र प्रसन्न होकर मनवांछित फल देते हैं। योगिनी एकादशी के दिन पूजा (Prayer) और व्रत करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। इसके अलावा, इस दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। सनातन शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति-भाव से पूजा करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।


शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 13 जून को सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और 14 जून को सुबह 08 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। लेकिन उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून को ही रखा जाएगा। जबकि योगिनी एकादशी व्रत का पारण 15 जून, गुरुवार को किया जाएगा। योगिनी एकादशी व्रत का पारण समय सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

पूजा विधि
योगिनी एकदशी का व्रत रखने वाले भक्त दशमी तिथि के दिन से ही नियम का पालन शुरू कर दें। दशमी तिथि से ही लहसन, प्याज, मदिरा, मांस समेत तामसिक भोजन का त्याग कर दें। एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले श्री हरी भगवान विष्णु को प्रणाम करें। नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान-ध्यान करें। स्नान के पानी में कुछ बूंदे गंगाजल की डाल दें। इस दिन पीला वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु का मंत्रजाप करते हुए अर्घ्य दें।

इस मंत्र का करें जाप
॥ विष्णु शान्ताकारं मंत्र ॥
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारिययां सिर्फ सामान्य सूचना के आधार पर पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं।

Share:

Next Post

इंदौर बावड़ी हादसे में साक्ष्य मिटाने के आरोप पर सरकार और निगम ने उच्च न्यायलय में नहीं दिया जवाब

Mon Jun 5 , 2023
इंदौर। रामनवमी (Ram Navami) के दिन इंदौर के स्नेह/पटेल नगर (Sneh/Patel Nagar) में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी (Stepwell of Jhulelal Temple) में घटित दर्दनाक हादसे में हुई 36 मौतों के जिम्मेदारो की न्यायायिक जांच की याचिका के पूर्व जिला प्रशासन (District Administration) एवं निगम अफसरों ने ताबड़तोड़ 80 वर्ष पुराने होलकर-कालीन श्री […]