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bullet train का पहला ठेका किस कंपनी को मिलेगा, 7 कंपनियां में लगी थी होड़


नई दिल्ली। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का पहला कॉन्ट्रैक्ट स्वदेशी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (L&T) को मिलना तय माना जा रहा है। देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना में 237 किमी लंबे रूट के डिजाइन और निर्माण के लिए इस कंपनी ने सबसे कम बोली लगाई है। इस बिड में कुल 7 कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

सूत्रों के मुताबिक यह कॉन्ट्रैक्ट करीब 25,985 करोड़ रुपये का है और यह ठेका L&T को मिलना तय है। गौरतलब है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच बन रही इस बुलेट ट्रेन परियोजना की कुल लंबाई 508 किमी है. अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन परियोजना है जिसे जापान की मदद से बनाया जा रहा है।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने एक बयान में कहा, ‘508 किमी लंबे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर 237 किमी लंबे खंड के डिजाइन और निर्माण के लिए आज फाइनेंशियल बिड्स को खोला गया और इसमें लार्सन एंड टूब्रो ने सबसे कम बोली लगाई है.’ प्रोजेक्ट का काम दिसंबर 2023 में पूरा होना प्रस्तावित है। लेकिन इसमें शायद कुछ देरी हो क्योंकि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण से जुड़े कुछ मुद्दे हैं।

गौरतलब है कि देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर मुंबई से अहमदाबाद के बीच काम चल रहा है। इस कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किमी प्रति घंटा होने की उम्मीद है। यानी मुंबई से अहमदाबाद महज 2 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी इस दूरी को तय करने में भारतीय रेलगाड़ि‍यों से 7 घंटा और फ्लाइट से एक घंटा लगता है।

इन 7 कंपनियों ने लिया था हिस्सा
NHSRCL ने बताया कि इस प्रतिस्पर्धी बिडिंग में तीन बिडर्स ने हिस्सा लिया था, जिसमें कुल सात इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियां शामिल हैं। एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर, इरकॉन इंटरनेशनल और जेएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया ने एक साथ मिलकर बोली लगाई है। इसी तरह एनसीसी-टाटा प्रोजेक्ट-जे कुमार इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स, एचएसआर ने एक साथ बोली लगाई है. लार्सन ऐंड टूब्रो ने अकेले बोली लगाई।

83 फीसदी जमीन का अधिग्रहण
इस 237 किमी लंबे कॉरिडोर में 24 नदियां और 30 रोड क्रॉसिंग पड़ेंगे. यह पूरा खंड गुजरात में है जहां 83 फीसदी से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया था कि मार्च 2020 से पहले भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो जाना था, लेकिन महाराष्ट्र में कुछ अड़चनों की वजह से यह नहीं हो पाया है। यह पूरा प्रोजेक्ट 508 किमी का है जिसका करीब 349 किमी हिस्सा गुजरात में पड़ता है। इस टेंडर के लिए बिड 15 मार्च 2019 को ही मांगा गया था। टेक्निकल बिड्स 23 सितंबर को खोला गया था और एक महीने से भी कम समय में फाइनेंशियल बिड्स को भी खोल दिया गया।

237 किमी लंबे कॉरिडोर का निर्माण
इस टेंडर के तहत वापी (महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर जरोली गांव) और वडोदरा के बीच 237 किमी लंबे कॉरिडोर का निर्माण होना है। इसमें चार स्टेशन वापी, बिलिमोर, सूरत और भरूच और सूरत डिपो शामिल है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ है और इसके लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी फंडिंग कर रही है।

साल 2019 में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया था कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्‍ट के लिए जापान से 24 बुलेट ट्रेन खरीदी जाएंगी। वहीं, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खरीदी जाने वाली 24 बुलेट ट्रेन्स में से छह को भारत में असेंबल करने की योजना है।

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