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आईएएस रहते Yashwant Sinha ने मुख्‍यमंत्री से कहा था मैं सीएम बन सकता हूं पर आप आईएएस नहीं, जानें क्‍या था मामला

पटना। यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) बिहार कैडर के एक ऐसे काबिल आईएएस अधिकारी थे, जिनका नाम आज भी नौकरशाह से लेकर राजनेता तक इज्जत से लेते हैं. यशवंत सिन्हा का जन्म 1937 में नालंदा (Nalanda) जिले के अस्थावां गांव में हुआ था. उस समय बिहार से झारखंड अलग नहीं हुआ था. एक समान्य परिवार में पैदा हुए यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) पहले प्रोफेसर फिर बाद में महज 24 साल की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चुन लिए गए थे.
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) 1960 में आईएएस(IAS) के लिए चुने गए थे. पूरे भारत में उन्हें 12वां रैंक प्राप्त हुआ था. नियुक्ति के बाद यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की आरा और पटना में पोस्टिंग हुई थी. कुछ समय तक यहां काम करने के बाद उन्हें संथाल परगना में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया गया था.
इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) चर्चा में आ गए. दरअसल, उस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री(Chief minister of Bihar) महामाया प्रसाद सिन्हा(Mahamaya Prasad Sinha) थे. अपने एक इंटरव्‍यू के दौरान यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा था कि एक बार महामाया प्रसाद संथाल परगना के दौरा पर आए हुए थे. इस दौरान लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ सीएम से शिकायत की. इसके बाद भीड़ के सामने ही मुख्यमंत्री संथाल परगना के डिप्टी कमिश्नर यशवंत सिन्हा से सवाल करने लगे.
इस दौरान अपने जवाब से डिप्टी कमिश्नर सिन्हा सीएम को संतुष्ट करने की कोशिश करते रहे, लेकिन उनके साथ आए सिंचाई मंत्री जिलाधिकारी के प्रति काफी आक्रामक हो गए. इसके बाद डिप्टी कमिश्नर सिन्हा ने मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद की तरफ देख कर कहा कि सर मैं इस व्यवहार का आदी नहीं हूं.



इसके बाद मुख्यमंत्री डीसी को दूसरे कमरे में ले गए और स्थानीय एसपी और डीआईजी के सामने उनसे कहा कि आपको इस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए था. इसके बाद यशवंत सिन्हा ने कहा था कि आपके मंत्री को भी मेरे साथ इस तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए था. इस पर मुख्यमंत्री ने गुस्सा कर जिलाधिकारी से कहा था कि आपकी सीएम से इस तरह बात करने की हिम्मत कैसे हो गई? साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि आप दूसरी नौकरी खोज लीजिए.
फिर क्या था इतना सुनते ही यशवंत सिन्हा ने सीएम महामाया प्रसाद को कहा, ‘सर, आप एक आईएएस नहीं बन सकते हैं लेकिन मैं एक दिन मुख्यमंत्री बन सकता हूं.’ हालांकि, इसके बाद उनका कई विभागों में ट्रांसफर हुआ. बाद में बिहार के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने अपने पसंद से उन्हें सरकार का मुख्य सचिव भी बनाया था. यशवंत सिन्हा जय प्रकाश नारायण से काफी प्रभावित थे. बाद में सिन्हा ने नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने का फैसला किया.
यशवंत सिन्हा चंद्रशेखर के काफी करीबी थे. जब वीपी सिंह की सरकार आई तब उन्होंने चुनाव में चंद्रशेखर के साथ मिलकर समाजवादी जनता पार्टी के लिए काफी मेहनत की थी. हालांकि, वीपी सिंह ने उन्हें राज्य मंत्री का केंद्र में पद भी दिया था लेकिन उसे अपने कद के हिसाब से सही न पाकर सिन्हा ने ठुकरा दिया था. बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. 1998 में जब भाजपा की सरकार बनी तब पहले वित्त मंत्री और फिर बाद में भारत सरकार में यशवंत सिन्हा को विदेश मंत्री बनाया गया था.

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