
नई दिल्ली । चुनावी रणनीतिकार (election strategist)से राजनेता बने और जन सुराज पार्टी (JSP) के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishore)के बिहार विधानसभा चुनाव(Bihar Assembly Elections) में उम्मीदवार के रूप में नहीं उतरने के फैसले से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को विपक्षी महागठबंधन में से किसको अधिक फायदा होगा। इसकी चर्चा पूरे बिहार में है। पहले चरण की वोटिंग से पहले JVC का सर्वे सामने आया है, जिसमें लोगों से इससे जुड़ा भी सवाल पूछा गया था। सर्वे के नतीजे पर गौर करें तो लोगों का मानना है कि पीके के चुनाव नहीं लड़ने से माहगठबंधन की तुलना में एनडीए को अधिक फायदा होगा।
सर्वे के अनुसार, 46% उत्तरदाताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर के चुनाव न लड़ने से NDA को लाभ मिलेगा। 36% का कहना है कि इससे महागठबंधन को भी फायदा हो सकता है। जबकि 18% लोगों ने माना कि इस फैसले का चुनाव पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा।
JVC सर्वे के मुताबिक, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) को राज्य की 243 सीटों में से केवल एक सीट मिलने का अनुमान है, जबकि पार्टी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
सर्वे के अनुसार, भाजपा नेतृत्व वाले NDA को 120 से 140 सीटें मिलने की संभावना है। इससे वह सरकार बना सकती है। एनडीए में शामिल भाजपा को 70–81 सीटें मिल सकती हैं। वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 42-48 सीटें मिलने का अनुमान है। चिराग पासवान की लोजपा के 5–7 सीटें, जीतन राम मांझी की हम को 2 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 1–2 सीटें मिल सकती हैं।
महागठबंधन का कैसा प्रदर्शन?
राजद–कांग्रेस नेतृत्व वाले महागठबंधन को 93 से 112 सीटों के बीच सीटें मिलने का अनुमान है। इनमें राजद को 69–78 सीटें, कांग्रेस 9–17 सीटें, भाकपा (माले) को 12–14 सीटें, भाकपा एक सीट, भाकपा (एम) को 1–2 सीटें मिलती दिख रही हैं।
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। राज्य की 243 सीटों में बहुमत का आंकड़ा 122 है।
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