बड़ी खबर मध्‍यप्रदेश

शिवराज सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाएगी BJP? कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की क्यों हो रही चर्चा

भोपाल: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के पहले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सियासी गलियारों में आजकल चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को बीजेपी (BJP) लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. कमलनाथ (Kamalnath) के बीजेपी में जाने की अटकलों पर विराम लगने के बाद सूत्रों के मुताबिक शिवराज को कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है. अभी कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं. इसके अलावा विदिशा से भी शिवराज को पार्टी उम्मीद्वार बना सकती है. शिवराज पहले भी 5 बार विदिशा से सांसद रह चुके हैं. मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद शिवराज सिंह चौहान भोपाल में मामा के घर के रह रहे हैं.


अगर बीजेपी उन्हें केन्द्र में ले जाना चाहती है तो फिर शिवराज को लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है. अगर नकुल नाथ फिर से कांग्रेस के टिकिट पर छिंदवाड़ा से दोबारा मैदान में उतरे तो फिर बीजेपी को भी एक मज़बूत नाम की जरूरत पड़ेगी औऱ वो नाम शिवराज सिंह चौहान का भी हो सकता है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटें हारी है.

मध्य प्रदेश में बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले छिंदवाड़ा का दौरान किया था और पार्टी के खाते में छिंदवाड़ा सीट डालने का ऐलान किया था. बहरहाल लोकसभा की दावेदारी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के भविष्य का फैसला बीजेपी हाईकमान को ही करना है.

बीजेपी सांसद माया नारोलिया का कहना है कि ये निर्णय राष्ट्रीय नेता का है. संगठन का निर्णय है. कौन कहां से लड़ेगा ये हमारा संगठन सामूहिक रूप से निर्णय करता है. संगठन के कार्यकर्ता होने के नाते शिवराज सिंह चौहान हों या कोई और जो संगठन आदेशित करता है हम संगठन के फैसले का पालन करते हैं. अगर संगठन ऐसा कोई निर्देश करेगा तो कार्यकर्ता होने के नाते हम सब उसका पालन करेंगे.

Share:

Next Post

कर्नाटक में मंदिरों से टैक्स लेने वाले बिल को BJP ने बताया था हिंदू विरोधी

Sat Feb 24 , 2024
नई दिल्‍ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले कर्नाटक में मंदिरों पर टैक्स लगाए जाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। राज्य की कांग्रेस सरकार (Congress government of the state) विधानसभा में ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ विधेयक’ पारित कर मंदिरों पर टैक्स लगाने में सक्रिय रही है। वहीं कर्नाटक में […]