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क्या मोदी सरकार तिरंगे से हरा रंग हटा देगी? संसद में गरजे असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्ली: एआईएमआईएम के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस में भाग लेते हुए संसद में कहा कि हिंडनबर्ग अगर यहां होता तो यहां उस पर यूएपीए लगा दिया गया होता. साथ ही बीजेपी और कांग्रेस पर एक साथ हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि इन दलों की न्यायपालिका और उद्योगपतियों से नजदीकियां हैं और पैसे लेकर विदेश भागने वाले लोग हिंदू हैं. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि तिरंगे से हरा रंग हटा दिया जाएगा.

लोकसभा में अपने भाषण में ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को लेकर आवंटित बजट में 40 फीसदी की भारी कमी कर दी गई है. स्कॉलरशिप के पैसे में कम से कम 560 करोड़ रुपये कम कर दिए गए. ये आपकी मोहब्बत है जो नफरत की निशानी बनती है.” उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार नहीं चाहती कि इस देश में मुसलमान पढ़ें.

ओवैसी ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार नहीं चाहती कि इस देश में मुसलमान पढ़ें. उन्होंने कहा, “अगर पसमांदा मुसलमानों से इतना ही प्यार है तो उन्हें दलित मुसलमानों का दर्जा दे दीजिए. बिहार के मुसलमानों को ओबीसी का दर्जा दिया जाना चाहिए.”

‘बीजेपी-कांग्रेस मे कुलीनतंत्र को जन्म दिया’
ओवैसी ने बीजेपी और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “कांग्रेस और बीजेपी ने देश में कुलीनतंत्र को जन्म दिया. जो लोग देश से बेहिसाब दौलत लेकर भागे हैं, क्या उस लिस्ट में किसी मुगल का नाम है? लेकिन आप इस पर कुछ नहीं बोलेंगे. विदेश भागने वाले लोग हिंदू हैं.”


एआईएआईएम प्रमुख ओवैसी ने हरे रंग को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, “गुलबर्ग के स्टेशन को हरा रंग किया गया था, यह कहकर उसे बदल दिया कि यह मुसलमानों का रंग है. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मोदी सरकार तिरंगे में लगे हरे रंग को हटा देगी? क्या मोदी सरकार खरबूजे पर पाबंदी लगा देगी. सरकार को हरे रंग से इतनी समस्या क्यों है?”

‘चीन पर कब मुंह खोलेंगे PM मोदी’
भारत-चीन के साथ सीमा को लेकर लंबे समय से जारी विवाद पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी क्या अपनी जुबान से कभी चीन का नाम लेंगे. आप चीन से डरते हैं. अगर समझौता हुआ है तो वहां सैनिकों को पीछे ले जाने का काम कब शुरू होगा. आप चीन का नाम लीजिए, आप डरिए मत.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जिससे अडानी ग्रुप लगातार चर्चा में है, का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि हिंडनबर्ग अगर यहां होता तो यहां उस पर यूएपीए लगा दिया गया होता. और ये बात मैं बहुत हल्के तौर पर कह रहा हूं.

ओवैसी ने लोकसभा में अपने भाषण के अंत में कहा, “मेरा अनुरोध है कि पूजा स्थल अधिनियम को भंग नहीं किया जाना चाहिए. पीएम को चीन से डरना नहीं चाहिए और भारत में अल्पसंख्यकों का बजट बढ़ाना चाहिए.”

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