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पीटी उषा के रूख पर पहलवानों के छलके आंसू, बोले- दर्द साझा करने को किया फोन, लेकिन उठा नहीं

नई दिल्ली (New Delhi)। प्रदर्शन पर बैठे शीर्ष भारतीय पहलवानों (indian wrestlers) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा (Chairman PT Usha) के बयान पर गुरुवार को हैरानी व्यक्त की है। अपने बयान में पीटी उषा ने कहा था कि पहलवानों का दोबारा प्रदर्शन करना ‘अनुशासनहीनता’ (‘indiscipline’) है और ‘देश की छवि’ खराब कर रहा है। पीटी उषा से इंसाफ की उम्मीद कर रहे पहलवानों के मुताबिक उन्होंने उषा से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। तीन बार की राष्ट्रमंडल खेल गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगाट (Gold medalist Vinesh Phogat) ने कहा, “अगर हम सड़क पर बैठे हैं तो हमारी कुछ मजबूरी रही होगी। चाहे खेल मंत्रालय है या IOA किसी ने हमारी नहीं सुनी तब हम जनता के सामने आए हैं कि हमारी कोई नहीं सुन रहा है। पीटी उषा को हम खुद आइकन मानते थे। मैंने उनको फोन भी किया था कि मैं अपना दर्द साझा कर सकूं पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। हम तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं।”

पीटी उषा के बयान से दुखी हैं खिलाड़ी
बजरंग पूनिया ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के चौथे दिन संवाददाताओं से कहा, “हमें पीटी उषा जी से इसकी उम्मीद नहीं थी। हमें लगा था कि वह एथलीटों के साथ खड़ी होंगी। वह खुद भी एक महिला हैं, इसलिए हमें उम्मीद थी कि वह हमारे साथ खड़ी होंगी। मैं उनके शब्दों से दुखी हुआ हूं। उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया था कि कुछ बदमाश उनकी अकादमी की जमीन हड़पना चाह रहे हैं। क्या उस समय देश की छवि खराब नहीं हो रही थी?”


टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट पूनिया ने कहा, “वह भी एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट से जुड़ा मामला था। हम भी उस घटना के बारे में सुनकर दुखी हुए थे। वह इतनी बड़ी एथलीट हैं और अब तो राज्यसभा सांसद भी हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ यह हो रहा है। अगर एक सांसद के साथ यह सब हो सकता है, तो हम फिर भी आम एथलीट हैं। हमारे पास क्या ताकत है? हमारे साथ कुछ भी हो सकता है, उन्हें यह सोचना चाहिए था।” उन्होंने कहा, “जब खिलाड़ियों को इंसाफ नहीं मिलेगा तो वे क्या करेंगे? वह खुद ही बता सकती हैं कि उन्होंने किसके दबाव में अपनी साथी एथलीट को लेकर इस तरह की बात कही है।”

विनेश फोगाट ने जाहिर की नाराजगी
विनेश फोगाट ने भी पूर्व ट्रैक एंड फील्ड एथलीट उषा की बात पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उन्हें खिलाड़ियों से मिलकर बात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “जब देश के ओलंपिक मेडलिस्ट सड़कों पर प्रदर्शन के लिये बैठे हैं, तो मुझे लगता है कि पीटी उषा मैडम को हमारे पास आना चाहिए था। उन्हें पूछना चाहिए था कि हम आंसू क्यों बहा रहे हैं। एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने के नाते प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है। जब तक हमें इंसाफ नहीं मिल जाता, हम यहीं रहेंगे।”

उल्लेखनीय है कि पूनिया, विनेश और साक्षी मलिक जैसे नामचीन पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ रविवार से पुनः प्रदर्शन पर बैठे हैं। पहलवानों ने श्री सिंह पर यौन शोषण जैसे कई गंभीर आरोप लगाये हैं और उनकी मांग है कि उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता को अध्यक्ष पद से हटाकर आरोपों की जांच होनी चाहिये।

अनुराग ठाकुर ने दिलाया इंसाफ का भरोसा
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों की नाराजगी पर बयान देते हुए कहा कि हम भी निष्पक्ष जांच चाहते हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा, “मैं अपने हिमाचल प्रदेश का पूरा दौरा रद्द करके जंतर मंतर पर धरने पर बैठे खिलाड़ियों से मिला हूं। उनके साथ घंटों बातचीत हुई है। उनसे पूछ कर ही कमेटी का गठन हुआ। कमेटी बनाना सरकार का दायित्व होता है पर उन्होंने कहा कि एक बंदा और ऐड कीजिए तो हमने वह भी किया। उन्होंने बबीता फोगाट का नाम दिया हमने उन्हें भी ऐड किया। हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं।”

अनुराग ठाकुर ने कहा, “ओवरसाइट कमेटी के सामने अपनी बात रखने का सभी को अवसर दिया गया। किसी के ऊपर कोई रोक नहीं थी हमने समय सीमा भी बढ़ाई। कुल मिलाकर 14 बैठकें हुई और जो खिलाड़ी ने आना चाहता उसे आने दिया गया। जिन-जिन खिलाड़ियों का उन्होंने नाम लिया हमने उन सभी को आने की अनुमति दी। कमेटी की फाइंडिंग्स में मुख्य बातें यह थी कि निष्पक्ष चुनाव हो, तब तक कोई एडहॉक कमेटी बने, 45 दिन के अंदर चुनाव हों, इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी बने ताकि किसी को मेंटल सेक्सुअल हरासमेंट हो तो पहले वह वहां जा सके। इसके अलावा बाहर किसी भी थाने में कोई भी किसी के खिलाफ केस दर्ज करने को स्वतंत्र है। अगर 8 साल पुराना कोई मुद्दा है तो 8 साल पहले भी केस दर्ज हो सकता था और आज भी हो सकता है। दिल्ली पुलिस ने भी कहा है कि हम प्रिलिमनरी इंक्वायरी कर रहे हैं और उसमें जो आएगा उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।”

अनुराग ठाकुर ने अपने बयान के जरिए पहलवानों को आश्वासन दिया कि मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए खेल और खिलाड़ी हमेशा से प्राथमिकता थे और रहेंगे। इसमें ना कभी कंप्रोमाइज हुआ था ना कभी होगा। जहां तक खिलाड़ियों की बात है नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देशभर के खिलाड़ियों के लिए शानदार काम किया।”

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