खरी-खरी

जो कोई नहीं कर सका वो आपने कर दिखाया… लेकिन मोदीजी देश में न महंगाई कम हुई न भ्रष्टाचार मिट पाया…

देश के लिए नवतपा जैसे रहे मोदीजी के नौ साल…जिस तरह भीषण गर्मी के बाद वर्षा का सुकून मिलता है, उसी तरह देश में तपन का निखार नजर आया… जो कोई नहीं कर सका वो काम मोदीजी ने कर दिखाया… देश में चल रहे राम मंदिर के बवंडर को दोनों वर्गों की सहमति और कानून की रजामंदी से मिटाया… धारा 370 के चलते रहम के टुकड़ों पर पल रहे कश्मीर से अनुच्छेद हटाकर पूरे राज्य को स्वावलंबी बनाया… तीन तलाक पर कानून बनाया…मुस्लिम वर्ग को भी रिश्तों का महत्व समझाया… आतंकवाद की छाती में छुरा घोंपकर दहशतगर्दों को ठिकाने लगाया…पाकिस्तान में घुसकर सीमा पार की हिमाकत को सबक सिखाया…पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ाया…निवेश से लेकर विदेशी मुद्रा के खजानों को लबालब कर दिखाया… अपनी हुकूमत, अपना फैसला, अपनी हिम्मत का वो जज्बा देश में नजर आया कि रूस यूक्रेन से लड़े या अमेरिका चीन से भिड़े, लेकिन हम अपनी चाल चलें…देश ने रूस से तेल भी खरीदा और चीन को सीमा पर सबक भी सिखाया…दुनिया को ताकत दिखाई तो देश की मजबूती बढ़ाई…एक देश-एक कर की नीति जीएसटी लाई तो टोल पर लगने वाली वाहनों की कतार फॉस्टैग से मिटाई… अनुदानों की फेहरिस्त घटाई तो आयुष्मान योजना से गरीबों को बीमारी से राहत दिलाई… भरे हुए खजाने को विकास में लगाया…पूरे देश में सडक़ों और पुलों का जाल बिछाया…कुल मिलाकर पूरे देश में नीतियों का हौसला नजर आया… लेकिन जनता को नोटबंदी जैसे फैसलों में तानाशाही का रंग नजर आया… न नकली नोट बाहर हो पाए न आतंकवाद पर नकेल डली और न भ्रष्टाचारियों के धन को बत्ती लगी…जितने नोट छपे उनसे ज्यादा बैंकों में पहुंच गए… देश अनुशासन में नजर आ रहा है, लेकिन शासन विपक्ष विरोधी नजर आ रहा है…इंदिरा, राजीव और अटलजी ने जिस तरह विपक्षियों को अपनाया, वैसा अपनापन मोदीजी न जता पाए…उनके दिल से गुजरात के जख्म नहीं मिट पाए, इसीलिए जैसे को तैसा की सजा में सारे दल एक तरफ तो अकेले मोदीजी पूरी भाजपा को सर पर उठाए नजर आए…आज मोदीजी के साथ विश्वास भी है और देश का विकास भी है, लेकिन जनता के मन में भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर आक्रोश भी है और रोष भी है…देश में अमीर-गरीब की खाई बढ़ती जा रही है…अफसर जनता को नोंच रहे हैं…बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहे हैं…नेता जनता से दूरी बना रहे हैं…उनके दु:ख दूर नहीं कर पा रहे हैं…बेरोजगारी बढ़ती जा रही है…जिंदगी जंजाल बनती जा रही है…लोग मौत को गले लगा रहे हैं…खुदकुशियों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं…मोदीजी लगता है आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं…व्यापारियों-कारोबारियों पर इतनी लगाम लगा रहे हैं कि देश से छोटे कारोबारी मिटते जा रहे हैं…अडानी-अंबानी बढ़ते जा रहे हैं…कानून के दायरे केवल छोटों को मिटा रहे हैं…पैसे वाले देश छोडक़र जा रहे हैं…कुछ करिए…अगला साल भी आपका है…2024 भी आपका है… अगले पांच साल भी आपके और देश के बदहाल आम लोग भी आपके सामने हैं…वो आपको ही चुनेंगे, लेकिन वो भी देश के विकास और आपके विश्वास पर कब तक बलि देते रहेंगे…बड़ों को उनके हाल पर छोडक़र छोटों को अपनाइए…एक वित्त मंत्री ढंग का लाइए… लुढक़ते रुपए को थामकर दिखाइए…जनता से करों का बोझ मिटाइए महंगाई पर रोक लगाईए और अब तक को कामों के लिए बधाई और आगे की परीक्षा के लिए शुभकामनाएं लेते जाइए…

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